बंबई उच्च न्यायालय द्वारा मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध के आदेश को रद्द करने के फैसले से उत्साहित नेस्ले इंडिया की इस लोकप्रिय इंस्टैंट नूडल्स ब्रांड को साल के अंत तक बाजार में दोबारा पेश करने की योजना है। हालांकि, इसके लिए कंपनी को कुछ मंजूरियां लेनी होंगी।
बंबई हाईकोर्ट से मैगी नूडल्स बनाने वाली कंपनी नेस्ले को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध लगाने के खाद्य नियामकों के आदेश को निरस्त कर दिया है। मैगी के नमूनों की अब तीन प्रयोगशालाओं में नए सिरे से जांच कराई जाएगी। जांच में मैगी सही पाए जाने पर ही कंपनी को इसके उत्पादन और बिक्री की अनुमति मिलेगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को नेस्ले कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इसके मैगी नूडल्स को निर्यात को मंजूरी दी है। यह मंजूरी किस आधार पर दी गई इसके बारे में कोर्ट के विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है।
शिशु आहार बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी नेस्ले की भारतीय ईकाई नेस्ले इंडिया अभी बच्चों के मनपसंद भोजन मैगी पर प्रतिबंध के संकट से उबरी भी नहीं थी कि तमिलनाडु में उसके बेबी फूड उत्पाद सेरेलॅक में कीड़े मिलने की खबर ने कंपनी की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
बाजार तरह-तरह के फास्ट फूड से अटे पड़े हैं। रेडीमेट रोटियों से लेकर रेडी-टू-ईट दाल-सब्जी। स्नैक्स का तो अंत नहीं। लेकिन सभी के बीच लोकप्रियता का जो सिंहासन मैगी को मयस्सर था वह किसी और को नहीं। मैगी में हानिकारक सीसा की मात्रा ज्यादा होने की खबर क्या आई, 1300 करोड़ का मैगी का बाजार धड़ाम से औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं तो किसी ने मैगी से जुड़ी यादें ताजा कीं। किसी ने चुटकले बना डाले तो किसी को इसके पीछे राजनीति लगी। कई लोग इस विवाद के पीछे बाबा रामदेव की मैगी लांच होने की अटकलें लगा रहे हैं। अचानक से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर स्वास्थ्यवर्धक जानकारियों का भी रेला आ गया-
मैगी विवाद के बाद हरकत में आई केंद्र सरकार अब मेडिकल स्टोरों पर शिकंजा कसने जा रही है। फार्मा विभाग देश भर के मेडिकल स्टोर को फूड व कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट हटाने का निर्देश दे सकता है।