पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक के साथ एक और अपमानजनक कदम उठाया है। इस्लामाबाद उच्च अदालत के एक कार्यकारी ने भारतीय उच्चायोग के प्रथम सचिव का फोन शुक्रवार को जब्त कर लिया है।
अमेरिका में पाकिस्तान के एक पूर्व दूत का दावा है कि चीन द्वारा 46 अरब डॉलर की लागत से आर्थिक गलियारा पहल के तहत विकसित किए जा रहे पाकिस्तान के रणनीतिक बंदरगाह से न केवल भारत, बल्कि अमेरिका, ईरान और खाड़ी के अन्य देशों को भी दिक्कत होगी।
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव तक भारतीय राजनयिक पहुंच मुहैया कराने से पाकिस्तान ने एक बार फिर साफ इनकार कर दिया है। भारत ने ये मांग 15 वीं बार की, लेकिन हर बार की तरह पाकिस्तान ने इनकार कर दिया है। अब भारत इस मामले में अमेरिका से उम्मीद लगा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैकमास्टर भारत आ रहे हैं। संभावना है कि जाधव मसले पर भारत में उनके समकक्ष अजीत डोभाल से बातचीत हो सकती है।
भारत और पाकिस्तान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और दोनों ने संघर्ष-विराम उल्लंघनों को लेकर चिंता जाहिर करने के लिए आज फिर एक दूसरे के उप उच्चायुक्तों को तलब किया। वहीं भारत ने इस्लामाबाद में अपने आठ अधिकारियों की सूचना सार्वजनिक किए जाने के तरीके पर विरोध दर्ज कराया जिससे उनकी सुरक्षा को खतरे में डाला गया।
जासूसी रैकेट की जड़ें कितनी गहरी हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके तार अब राजनेताओं से जुड़ रहे हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस मामले में शनिवार को समाजवादी पार्टी के एक सांसद के पीए को हिरासत में लिया है। दिल्ली पुलिस ने अब तक इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
दक्षिण गोवा के बेनौलिम गांव में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भारतीय तट रक्षक दल को अरब सागर में हवाई और समुद्र में निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मरीन पुलिस के कर्मियों को राज्य की नदियों में तैनात किया गया है। नौसेना के मार्कोस कमांडो को अलर्ट पर रखा गया है।
उड़ी में हुए आतंकी हमला और उसके बाद एलओसी के पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के छाए में हो रहे इस सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा हावी रहने की संभावना है। भारत की तरफ से यह मुद्दा जोर-शोर से उठाए जाने की तैयारी है और इस मुद्दे पर चीन को साथ लेने की पूरी राजनयिक तैयारी है। इस सम्मेलन में भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने की अपनी राजनयिक मुहिम जारी रखेगा भारत।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मेजबानी करने वाला भारत पाकिस्तान से पैदा हो रहे आतंकवाद के खतरे को लेेकर इस दौरान भी उसके खिलाफ अपनी राजनयिक आक्रामकता जारी रख सकता है। पांच देशों वाले ब्रिक्स समूह का यह शिखर सम्मेलन गोवा में रविवार को आयोजित होगा।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में भारत के दबदबे से सकते में आया पाकिस्तान अब इसकी काट तलाशने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत पाकिस्तान चीन सहित ईरान और आस-पास के पश्चिम एशियाई गणराज्यों को शामिल कर एक वृहद दक्षिण एशियाई आर्थिक संगठन के निर्माण की संभावना तलाश रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में आज इसका खुलासा किया गया।