रेल का चक्का दौड़ाने में पुरूषों से कम नहीं हैं महिलाएं कभी घर की चौखट से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाएं अब भारतीय रेल का चक्का दौड़ाने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं।
गेंहू की धीमी खरीद और केंद्र सरकार द्वारा मूल्य में कटौती के खिलाफ पंजाब के मानसा, बरनाला और अमृतसर जिलों में रेल पटरियों पर बैठे भारती किसान यूनियन (बीकेयू) के सदस्यों का प्रदर्शन आज भी जारी रहा। इस वजह से पंजाब में आज लगातार दूसरे दिन रेल यातायात ठप्प रहा।
'डिजिटल इंडिया' विज़न से तालमेल बैठाते हुए क्रिस ने एंड्रॉयड एवं विंडोज़ दोनों ही प्लेटफॉर्म के लिए मोबाइल एप्लिकेशन 'अटसनमोबाइल' में कागज रहित अनारक्षित टिकट की सुविधा विकसित की है। इससे स्टेशनों पर स्थित एटीवीएम पर अनारक्षित टिकटों का प्रिंट निकालने की कोई जरूरत नहीं रह जाएगी। यूजर्स इसके लिए गूगल प्ले स्टोर या विंडो स्टोर से ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं।
कनहर सिंचाई परियोजना निर्माण के समर्थकों ने जांच दल को बनाया बंधक
स्थानीय लोग दो खेमों में बंटे। परियोजना निर्माण और विरोध में निकल रहे
जुलूस। हो रही पंचायत।
जिला प्रशासन की गोलीबारी में सुंदरी गांव निवासी विस्थापित अकलू चेरो
गंभीर रूप से घायल।
रेलवे ने प्लेटफार्म टिकटों की कीमत को बढाकर दस रूपये कर दिया है और नयी दर एक अप्रैल से लागू हो जायेगी। रेल मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक एक अप्रैल 2015 से प्लेटफार्म टिकटों की कीमत प्रति टिकट पांच रूपये से बढ कर दस रूपये हो जायेगी। इसके लिए सभी विभागों को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं।
आए दिन रेल दुर्घटनाओं और आर्थिक संकट की त्रासदी झेल रहे भारतीय रेल के लिए आखिरकार कायाकल्प परिषद का गठन हो ही गया, जैसाकि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने बजट भाषण में वादा किया था।
उत्तर प्रदेश में रायबरेली के पास जनता एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने पर 31 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। यह ट्रेन देहरादून से वाराणसी जा रही थी।
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ता यहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समन भेजे जाने के खिलाफ आंदोलन पर उतरे थे। साथ ही वह मोदी सरकार की नीतियों पर भी अपना गुस्सा उतार रहे थे।
अहमद पटेल और उनके करीबियों को यह पक्का आभास है कि पार्टी के भीतर बन रहे नए केंद्रक के मुताबिक नए तेवर अपनाना जरूरी है। राहुल गांधी के कद को बढ़ाने के लिए भी एक तरफ आम जन के मुद्दों से जुडऩा जरूरी है और दूसरी तरफ कांग्रेस के शीर्ष और निष्प्रभावी नेताओं को किनारे करने के लिए भी रणनीति बनानी जरूरी है। कांग्रेस में दोनों पहलुओं पर विचार तो खूब हो रहा है लेकिन इसका बहुत ठोस फायदा होता दिख नहीं रहा।