स्पेन की एक अदालत ने बार्सिलोना के स्ट्राइकर लियोनेल मेस्सी और उनके पिता को कर धोखाधड़ी के लिये 21 महीने के जेल की सजा सुनायी है और साथ ही उन पर 37 लाख यूरो (लगभग 41 लाख डालर) जुर्माना लगाया है।
देश बड़ा है या क्लब ? जो लोग लियोनेल मेसी के खेल में कोई कमी नहीं ढूंढ़ पाते, वे अंत में यही सवाल उछाल देते हैं। जैसा कि इन दिनों हो रहा है। आलोचक आंकड़ों के जरिये यह कुतर्क दे रहे हैं कि लियोनेल मेसी का दिल देश के लिए नहीं, क्लब के लिए धडक़ता है। क्लब के लिए वह जी-जान एक कर देते हैं लेकिन देश के लिए उनके मन में तरंगें तक नहीं उठतीं। और यह सब ऐसे खिलाड़ी के लिए कहा जा रहा है जो कई वर्षों से अर्जेंटीना की टीम की ताकत बना हुआ है। जिसके बूते अर्जेंटीना की टीम विश्वकप फाइनल खेलती है, लगातार दो बार कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंची है। कोई यह सवाल नहीं उठाता कि अर्जेंटीना तो फाइनल में पहुंचने लायक ही नहीं थी लेकिन इसके बावजूद मेसी उसे यहां तक ले आए। हां, फाइनल न जीत पाने का ठीकरा आलोचक जरूर उनके सिर पर फोड़ते रहे हैं। देश उनके लिए क्या है? यह उनका संन्यास का फैसला ही बता देता है।
चिली ने रविवार को पेनेल्टी शूट-आउट तक पहुंचे रोमांचक मुकाबले में अर्जेंटीना को हराकर कोपा अमेरिका सेंटेनारियो का खिताब अपने नाम कर लिया। लियोनेल मेसी की टीम को एक बार फिर मायूसी का सामना करना पड़ा।
कोपा अमेरिका के फाइनल में चिली से अर्जेंटीना के हारने के बाद स्टार फुटबालर लियोनेल मेसी ने सनसनीखेज ढंग से अंतरराष्ट्रीय फुटबाल को अलिवदा कहने का ऐलान कर दिया।
लियोनेल मेसी कोपा अमेरिका के फाइनल में चिली के खिलाफ अर्जेंटीना के 23 साल से कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत पाने के सूखे को समाप्त करके अपनी पीढ़ी के महान फुटबालर की अपनी विरासत को नये मुकाम पर पहुंचाने की कोशिश करेंगे।
ब्रिटेन की खेल-कारोबार पर आधरित पत्रिका ‘स्पोर्ट्सप्रो’ ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को सबसे बिकाऊ एथलीट में छठे स्थान पर रखा है।