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Search Result : "विनोद मेहता"

नहीं रहे प्रसिद्ध लेखक और नाटककार तारक मेहता

नहीं रहे प्रसिद्ध लेखक और नाटककार तारक मेहता

लंबे समय से बीमार चल रहे प्रसिद्ध भारतीय लेखक और नाटककार तारक मेहता का आज अहमदाबाद में निधन हो गया। उनकी उम्र 87 साल थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी समेत देश के अन्य नेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धाजंलि दी है।
विनोद राय करेंगे बीसीसीआई के चार प्रशासकों का नेतृत्व

विनोद राय करेंगे बीसीसीआई के चार प्रशासकों का नेतृत्व

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के संचालन के लिए पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय के नेतृत्व में आज चार सदस्यीय प्रशासनिक समिति नियुक्त की। इस समिति में इतिहासकार रामचंद्र गुहा, आईडीएफसी के अधिकारी विक्रम लिमये, महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुलजी भी शमिल हैं।
मुंबई: बुर्का हटाने के लिए कहे जाने पर शिक्षिका ने दिया नौकरी से इस्तीफा

मुंबई: बुर्का हटाने के लिए कहे जाने पर शिक्षिका ने दिया नौकरी से इस्तीफा

मुंबई के उपनगर कुर्ला में एक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका ने यह आरोप लगाते हुए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया कि उनकी नवनियुक्त वरिष्ठ के निर्देशों के कारण उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ समझौता किया जा रहा है।
जनता के मौन का खतरा भी

जनता के मौन का खतरा भी

भारतवासी अपने संस्कार और हजारों वर्षों की परंपरा से धैर्यवान हैं। जीवन में कठिनाइयों से जूझना, श्रम के साथ प्रकृति-ईश्वर के प्रति आस्था। रखना उनके स्वभाव में है। इसलिए आर्थिक क्रांति की तरह सरकार द्वारा रातों-रात एक हजार और पांच सौ के नोटबंदी के फैसले पर देश के विभिन्न भागों में गंभीर समस्याओं, लंबी पंक्तियों, बीमारी के इलाज, असामयिक मृत्यु, विवाह में बाधाओं के बावजूद हिंसक घटनाएं नहीं हुई। सरकार ने इस धैर्य और मौन को निर्णय का व्यापक समर्थन एवं स्वीकृति करार दिया है।
एमसीआई को खत्म करना ही समाधान मान लिया गया है : डॉ जयश्री मेहता

एमसीआई को खत्म करना ही समाधान मान लिया गया है : डॉ जयश्री मेहता

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई)को समाप्‍त कर उसकी जगह नेशनल मेडिकल कमीशन लाने का प्रस्ताव नीति आयोग ने दिया है।ऐसे संभावित बदलाव पर आउटलुक ने एमसीआई की अध्यक्ष डॉ जयश्री मेहता से कुछ अहम बिंदुओं पर बातचीत की। इस दौरान मेहता का कहना था कि हम मेडिकल की पढ़ाई के स्‍तर को बेहतर करना चाहते हैं। इसी वजह से हम नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं। पर लोग कहते हैं कि जिद्दी रवैया अख्तियार कर रहे हैं। अगर ऐसा न करके ढिलाई बरतें तो कहते हैं कि एमसीआई चोर है।
आतंक की तरह कर्ज बुरा या अच्छा

आतंक की तरह कर्ज बुरा या अच्छा

भारतीय बैंक दोधारी तलवार पर चल रहे हैं। कर्ज दिए बिना न वे सफल हो सकते हैं और न ही बड़े पैमाने पर उद्योग-व्यापार बढ़ सकते हैं। दूसरी तरफ कर्ज लेकर करोड़ों रुपया हजम कर जाने पर उनकी जिम्मेदारी भी फिक्स हो रही है।
हवाला-छापों से हैरान ए.के.। आलोक मेहता

हवाला-छापों से हैरान ए.के.। आलोक मेहता

ए.के.- 67 के कारतूस लगातार खोखले और ‘आप हंता’ साबित हो रहे हैं। 70 में से 67 का भारी बहुमत और टोपी-कमीज-चप्पल से बनी प्रारंभिक लोकप्रिय छवि वाला मुख्यमंत्री भारतीय राजनीति में पहले कभी नहीं उभरा। केवल दो साल की राजनीतिक गोलीबारी के साथ संपूर्ण भारत पर राजनीति की महत्वाकांक्षा पालने वाले ए.के. यानी अरविंद केजरीवाल अब हैरान हैं।
समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

भारतीय जनता पार्टी अपने नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की शताब्दी के अवसर पर राष्ट्रीय परिषद में भविष्य की दशा-दिशा तय कर रही है। दीनदयालजी कांग्रेस और पंडित नेहरू की विचारधारा से कई अहसमतियां रखते थे और कम्युनिस्टों के तो बिल्कुल विरोधी थे। लेकिन भारतीय जनसंघ (जो एक बार जनता पार्टी में विलय के बाद पुनः भारतीय जनता पार्टी बन गई) के लिए भी दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक-आर्थिक समानता, ग्रामीण अंत्योदय, राजनीतिक ईमानदारी, त्याग, सत्ता में दंभ के बजाय जनता की सेवा और समर्पण के विचारों को बढ़ाना चाहते थे।
मराठा गौरव को आरक्षण। आलोक मेहता

मराठा गौरव को आरक्षण। आलोक मेहता

मराठा पृष्ठभूमि गौरवशाली रही है। मराठा राजा-महाराजाओं का सत्ताकाल, स्वतंत्रता आंदोलन और आजाद भारत में आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धियों का बड़ा श्रेय मराठा समुदाय को मिलता है। मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नागपुर जैसे क्षेत्रों में उद्योग-व्यापार, शिक्षा, पर्यटन, सहकारी समितियों की संस्था एं, कृषि, विज्ञान इत्यादि में नए रिकॉर्ड बने हैं। फिर भी पिछले दिनों राजनीतिक इरादों से मराठा आरक्षण देने की मांग को लेकर हजारों लोगों का प्रदर्शन हुआ है।
अब अमेरिकी ऊंट पहाड़ के नीचे। आलोक मेहता

अब अमेरिकी ऊंट पहाड़ के नीचे। आलोक मेहता

भारत पिछले कई वर्षों से अमेरिका सहित दुनिया के देशों को पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी दानवों के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करता रहा है। फिर भी अमेरिका बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को आर्थिक मदद एवं अत्याधुनिक हथियार देता रहा। ओसामा बिन लादेन के तालिबानी हमले के बाद उसने अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों पर बमबारी की और सैनिक तैनात किए लेकिन पाकिस्तान में छिपे लादेन के अपवाद को छोड़कर किसी आतंकवादी ठिकाने को निशाना नहीं बनाया।
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