बॉलीवुड को कई हिट गाने देने वाले दिग्गज कवि-गीतकार गुलजार ने आज कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने देश में घटित होने वाली घटनाओं से अछूता नहीं रह सकता है और लोगों को अपने आसपास के परिवर्तन के बारे में सोचने और महसूस करने की जरूरत है। गुलजार ने यह बात जयपुर में अपनी नयी पुस्तक सस्पेक्टेड पोएम्स के विमोचन के अवसर पर कही।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष बल्देव भाई शर्मा की दो पुस्तकों ‘मेरे समय का भारत’ और ‘आध्यात्मिक चेतना और सुगंधित जीवन’ का विमोचन आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में दीनदयाल उपाध्याय वाड्मय (15 खंड) का विमोचन किया। आम विमोचन से अलग इस समरोह में पुस्तकें सुनहरे वर्क में लिपटी हुई अतिथियों के हाथों में नहीं थीं। समारोह में दीनदयाल उपाध्याया वाड्मय के 15खंड एक बक्से में रख थे जिसके दो कपाटों पर ताला लगा था। एक कपाट पर लगा ताला मोदी ने खोला जबकि दूसरी ओर का भय्याजी जोशी ने। आज के कार्यक्रम का यही सबसे बड़ा संदेश था, जिसके निहितार्थ बहुत कुछ समझे जा सकते हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी की पुस्तक सिटीजन एंड सोसायटी का विमोचन किया। किताब में अंसारी ने देश में विभिन्न थीमों पर दिए गए अपने लेक्चरों को शामिल किया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वह कई किताबों को भेंट स्वरुप पाते हैं। लेकिन यह पुस्तक उनके लिए विशेष तौर पर खास है क्योंकि इसको महान भारत के उप राष्ट्रपति मोहम्मद अंसारी ने लिखी है, जो एक प्रबुद़ध विद़वान और सचेत नागरिक के रुप में समूचे देश में शुमार हैं।
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मशताब्दी वर्ष को अविस्मरणीय बनाने के लिए जुट गया है। इस साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 100 वीं जयंती है। एकात्म मानवतावाद का सिद्धांत देने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय को सामाजिक-राजनैतिक दर्शन के लिए जाना जाता है। भारतीयज जनता पार्टी के वैचारिक संरक्षक-परामर्शदाता के लिए पार्टी दृढ़ प्रतिज्ञ है। संघ उनके नाम को घर-घर में पहुंचाना चाहता है।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता जीवन मूल्य और लक्ष्य के रूप में न सिर्फ हमारे संविधान में शामिल है बल्कि देश की सर्वोच्च अदालत ने भी इसे संविधान के मूल ढांचे में शामिल किया है जिसे बदला नहीं जा सकता। इसके बावजूद इसके अर्थ और व्यावहारिक निहितार्थ को लेकर एक संदेह की स्थिति बनी रहती है।
लाल बहादुर शास्त्री नेतृत्व के सूत्र पुस्तक का विमोचन जाने-माने समाजसेवी अण्णा हजारे ने किया। लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री और पवन चौधरी द्वारा लिखित पुस्तक के विमोचन अवसर पर हजारे ने कहा कि शास्त्री जी के पद्चिन्हों पर चलने के लिए युवाओं का आह्वान किया।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के लिए अब भारत और दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई तेज करना तथा अपने जीवनकाल में बाल दासता को समाप्त कर देना मिशन बन गया है।