केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों को केंद्र सरकार ने तोहफा दिया है। कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की एचआरए और दूसरे भत्तों में बदलाव को मंजूरी दे दी। कर्मचारियों को इस फैसले का लंबे समय से इंतजार था। इससे सरकारी खजाने पर कुल 30,748.23 करोड़ का भार पड़ेगा। यह सिफारिशें एक जुलाई से लागू होंगी।
उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने भले ही वहां के लोगों को कई तरह के वादे करके बहुमत हासिल की है। लेकिन आज राज्य की भाजपा सरकार अपने किए किए गए वादों को पूरा करने में विफल होती नजर आ रही है। आए दिन राज्य में लूट और बलात्कार जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद यूपी सरकार के आंकड़ों ने ही इन जुर्मों में हो रही बढ़ोतरी के खुलासे किए हैं।
ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख कोच डैरन लेहमन ने स्वीकार किया है कि ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स एसोसिएशन (एसीए) के बीच चल रहे वेतन विवाद का असर इंग्लैंड में 1 जून से शुरू हो रही चैंपियंस ट्रॉफी टीम पर पड़ सकता है।
देश की शीर्ष म्यूचुअल फंड कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारियों :सीईओ: को कारोबार में वृद्धि के साथ ही वेतन में भी अच्छी खासी वृद्धि दी गई है। कई ऐसे छोटे कोष भी हैं जो घाटे में चल रहे हैं अथवा उनका मुनाफा काफी कम रहा है, लेकिन उनके सीईओ को भी करोड़ों रुपये के वेतन पैकेज दिये गये।
गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट (गूगल, टेक 30) ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें उसने भारतवंशी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के वेतन को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। अपनी रिपोर्ट में कंपनी ने बताया है कि सुंदर पिचाई की आय गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष दोगुना हो गई है। वर्ष 2016 में सुंदर पिचाई को करीब 20 करोड़ डॉलर वेतन मिला है जो वर्ष 2015 में मिली राशि के दोगुना है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा जारी किये गये एक अध्ययन के मुताबिक भारत में 2015 के मुकाबले 2016 में मौत की सजा के मामलों में 81 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक ओर जहां रेपो रेट में कोई बदलाव न करके 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है, वहीं रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने सीआरआर में भी कोई बदलाव न करके 4 फीसदी पर ही स्थिर रखा है।
तेल, साबुन जैसे रोजमर्रा के उत्पादों से जुड़ा एफएमसीजी उद्योग भारत में सबसे ज्यादा वेतन देने वाला उद्योग बनकर उभरा है। इस उद्योग में सभी स्तरों और कामकाज को मिलाकर कंपनियों की औसत सालाना लागत 11.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में लगातार तीसरे दिन काम पर नहीं आने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों को बुधवार शाम तक ड्यूटी पर आने या छह महीने का वेतन नहीं दिये जाने की चेतावनी दी गयी है।