महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार से अलग रही। शिवसेना का कोई नेता शपथ ग्रहण समारोह में शरीक नहीं हुआ। शिवसेना ने दो मंत्रियों को सहित एक और कैबिनेट मंत्री की मांंग की थी। पीएम माेदी ने संभावित सूची में एक मंत्री पद शिवसेना के लिए रखा था। और कैबिनेट मंत्री की मांग ठुकरा दी। बस नाराज शिवसेना ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार कर दिया। शिवसेना और भाजपा के बीच अलगाव की एक और वजह बृहन्मुंबई महानगरपालिका और उसका भारी भरकम बजट भी है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बड़ा विस्तार हो गया है। मंत्रिमंडल में 19 नए मंत्री शामिल किए गए हैं। जबकि प्रकाश जावड़ेकर को कैबिनेट रैंक में पदोन्नति दी गई है। अबतक जावड़ेकर स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार के समय पार्टी की अंर्तकलह उजागर हो गई। दो वरिष्ठ मंत्रियों बाबूलाल गौर और सरताज सिंह ने पार्टी की मंशा के आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। शिवराज ने मंत्रिमंडल में पाच कैबिनेट मंत्रियों के साथ नौ मंत्रियों को शामिल किया है।
महाराष्ट्र और केंद्र में एक-दूसरे की सहयोगी भाजपा और शिवसेना के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बात का संकेत इस बात से मिला कि शिवसेना ने अपने स्वर्ण जयंती समारोह में सहयोगी दल भाजपा को आमंत्रित नहीं किया है।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की कमान दोबारा संभाल ली है। शुक्रवार को उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ पार्टी के 41 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इन 41 मंत्रियों में 17 नए चेहरे हैं। ममता बनर्जी को राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने शपथ दिलाई।
कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह मेंं राष्ट्रगान के दौरान फारुख अब्दुल्ला का फोन करना उनको कुछ दिन तक परेशान कर सकता है। ममता बनर्जी ने बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शुक्रवार को शपथ ली।
देश-विदेश की राजनीतिक हस्तियों के जमावड़े के बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके 41 मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने शपथ ली। कोलकाता के राजपथ- रेड रोड पर शपथ ग्रहण समारोह के लिए वृहद आयोजन किया गया था। ममता बनर्जी ने अपने कैबिनेट में उन सभी को शामिल किया है, जिन पर चुनाव के दौरान नारद टेपकांड में घूस लेने के आरोप लगे थे। इनके अलावा कई ऐसे भी हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं।
केरल में मंगलवार को सीपीआई पोलित ब्यूरो के सदस्य पी विजयन ने राज्य के 12 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल पी सदाशिवम ने सेंट्रल स्टेडियम में उनको हजारों कार्यकर्ताओं के बीच सीएम के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। केरल में कांग्रेस की हार के बाद ओमन चांडी ने 20 मई को अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया था।
जीत का जश्न अभी थमा भी नहीं कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष ने सरगर्मी तेज कर दी है। इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ ही राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के साथ भी टकराव के रास्ते पर हैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजनीतिक हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई है और उन्हें कहा है कि पुलिस को संयत रहकर और निष्पक्ष होकर काम करने का निर्देश दें। उधर, विपक्षी कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन ने ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह का बॉयकॉट करने का ऐलान किया है। ममता बनर्जी 27 मई को राजभवन में शपथ लेंगी।