बंद होने की चुनौती से जुझ रही ग्रीनपीस इंडिया के पास अपने अस्तित्व को बचाने के लिये सिर्फ एक महीना है। संस्था के पास अपने कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों के लिये सिर्फ महीने भर का पैसा बचा है। गृह मंत्रालय की कार्रवाई को ‘चुपके से गला घोंटने’ जैसा बताते हुए ग्रीनपीस इंडिया ने मंत्रालय को चुनौती दी है कि वो मनमाने तरीके से दंड लगाना बंद करे और इस बात को स्वीकार करे कि वो ग्रीनपीस इंडिया को उसके सफल आंदोलनों की वजह से बंद करना चाह रहा है।
जब वह मेरे दफ्तर मिलने के लिए आए तो अचानक ही लगा कि मेरा दफ्तर भी विकलांग व्यक्ति के लिए कितना असुविधाजनक है। वह हथेलियों में हवाई चप्पल पहने हुए पूरी सहजता और जबर्दस्त आत्मविश्वास के साथ दफ्तर में आ चुके थे। तकरीबन लपकते हुए वह कुर्सी की ओर बढ़े।
सरकार ने मोटर स्पोर्ट्स को एक खेल के रूप में मान्यता देते हुए इससे जुड़े संगठन फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब्स् ऑफ इंडिया (एफएमएससीआई) को मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल संघों की सूची में शामिल कर लिया है। सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब देश में फाॅर्मूला वन रेस को वापस लाने की कोशिशें की जा रही हैं। टैक्स और सरकारी बाधाओं की चलते ग्रैड प्री का आयोजन स्थगित होने के बाद सरकार पर मोटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने का दबाव बढ़ रहा था। जिसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
आंध्र प्रदेश के दोंतामुर गांव के एक आंगनवाड़ी केंद्र में विषाक्त भोजन खाने से दो वर्षीय लड़के की मौत हो गई और एक की हालत गंभीर बनी हुई है। यह घटना रंगमपेटा मंडल के जी दोंतामुर गांव में हुई।
चुनाव आयोग ने सोमवार को सरकारी खर्चे पर चुनाव के विचार का विरोध किया और कहा कि जब तक चुनाव प्रचार और राजनीतिक वित्त पोषण में व्यापक सुधार नहीं किया जाता, इसकी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
सरकार ने विवादास्पद डाक्यूमेंट्री के प्रसारण को लेकर बीबीसी को कानूनी नोटिस भेज दिया है। इसे एक तरह से डॉक्यूमेंट्री फिल्मकारों और मीडिया को धमकाने के तौर पर देखा जा रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज में फंसी राशि मार्च 2014 तक के तीन वर्षों में तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 2.17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह जानकारी सरकार ने संसद में दी है।
विकास हित में भूमि अधिग्रहण को सरकार और उद्योगों के लिए सुगम बनाने की मोदी सरकार की पहल ने मानो आग को न्यौता दे दिया है। सन 2013 का भू-अधिग्रहण कानून बदलने के अध्यादेश से देशभर में किसानों के बीच जो असंतोष फैला उसका एक नतीजा दिल्ली के ग्रामीण मतदाताओं के मतदान में दिखा, जिन्होंने भाजपा को एक भी सीट नहीं दी और जिस आम आदमी पार्टी को उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में ठुकराया था उसकी झोली भर दी।
यूपीए सरकार के दौरान पत्रकारों और कॉरपोरेट लॉबी की सांठगांठ का खुलासा वाली घटना के बाद एनडीए सरकार में इस तरह की यह पहली घटना है जिसमें बड़ी-बड़ी कंपनियों, पत्रकारों और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है।