Advertisement

Search Result : "साधारण बीमा"

92 पैसे में ट्रेन यात्रियों के लिए 10 लाख रुपये का बीमा कवर

92 पैसे में ट्रेन यात्रियों के लिए 10 लाख रुपये का बीमा कवर

रेलवे ने आज ऐसी योजना की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत ट्रेन से यात्रा में किसी भी व्यक्ति को 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर उपलब्ध कराया जाएगा।
नए एलआईसी प्रमुख का चयन अगले महीने तक

नए एलआईसी प्रमुख का चयन अगले महीने तक

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रमुख एस. के. रॉय द्वारा अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले इस्तीफा दिए जाने के चलते सरकार जल्द ही निगम के नए प्रमुख को चुनने की प्रक्रिया शुरू करेगी और इस पर अंतिम निर्णय अगले महीने तक ले लिया जाएगा।
‘एक दफा तो किसानों का कर्ज माफ कर दो’

‘एक दफा तो किसानों का कर्ज माफ कर दो’

‘सरकार बीमार इंडस्ट्री के नाम पर इंडस्ट्रीज का करोड़ों का कर्ज माफ कर देती है, हमारा इतना कहना है कि एक दफा तो किसान का कर्जा माफ कर दो।‘ कर्ज के मारे देश के दिहाड़ीदार बन चुके किसानों का यह कहना है। अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए आज देश भर से हजारों किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर इक्ट्ठा हुए। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के बैनर तले इन्होंने देश में जल्द से जल्द डॉ. एमएस स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने के लिए कहा।
चर्चाः किसान को सरकारी छतरी। आलोक मेहता

चर्चाः किसान को सरकारी छतरी। आलोक मेहता

‘मेरी छतरी के नीचे आ जा’ और ‘नहीं भूलेंगे यह बरसात की रात’ जैसे गीत सिनेमा के पर्दे और रेडियो पर मन मोह लेते हैं। प्रेम-विरह में भी बरसात, पहाड़, रेगिस्तान के दृश्य दिल-दिमाग को द्रवित करते हैं।
नेहरू के दौर में भ्रष्टाचार

नेहरू के दौर में भ्रष्टाचार

भारत सरकार में इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी और विवेकानंद फाउंडेशन के फेलो आरएनपी सिंह को खुफिया से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में गहरा अनुभव है। उनकी राइट्स एंड रांग्स, बांग्लादेश डिकोडेड और हिंदी में दो पुस्तकें बहुत चर्चित रहीं। नेहरू: ए ट्रबल्ड लीगेसी से उन्होंने कुछ मौलिक सवाल उठाए हैं: क्या हमने कभी नेहरू के बारे में ईमानदारी से मूल्यांकन किया है और इस प्रभाव में क्या हमने देश के समकालीन इतिहास का निष्पक्ष मूल्यांकन किया है? इस पुस्तक में नेहरू के सिद्धांतवाद या अपने हित में दोहरे मानदंड अपनाने पर सवाल उठाए गए हैं।
जुबां पर किसान, निगाहें केंद्र पर

जुबां पर किसान, निगाहें केंद्र पर

मध्य प्रदेश में किसी किसान की जमीन जबर्दस्ती लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम जानते हैं कि किसान और खेती के बिना हमारा राज्य विकास नहीं कर सकता है। किसान हमारी पहली प्राथमिकता है। आउटलुक से बातचीत के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह जोर देकर यह कहा कि केंद्र के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के तहत उनके राज्य में किसानों के साथ कोई जोर-जबर्दस्ती नहीं की जाएगी, उससे साफ था कि वह किसानों के हिमायती राष्ट्रीय नेता के तौर पर खुद को स्थापित करने की तैयारी में हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement