 
 
                                    नगद नारायण का मुक्ति काल
										    बड़े अफसर आकाओं ने ऐलान कर दिया है कि सरकार अब भारतीय मुद्रा रुपये के नगदी खर्च पर सेस के रूप में अतिरिक्त कर वसूलने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द निर्णय हो सकता है। संभव है यह कर दो-चार प्रतिशत ही हो। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि दुनिया में महान भारत अकेला ऐसा देश होगा, जहां ‘नगद नारायण’  को प्रणाम करने के बजाय यथासंभव दूर रखने में अपना कल्याण समझेंगे। 										
                                                                                
                                     
                                                 
  
  
  
  
  
  
  
  
  
			 
                     
                    