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कई हस्तियों ने सुप्रीम कोर्ट से धारा 377 को रद्द करने की मांग की

कई हस्तियों ने सुप्रीम कोर्ट से धारा 377 को रद्द करने की मांग की

समलैंगिक (एलजीबीटी) समुदाय का हिस्सा होने का दावा करने वाली कुछ मशहूर हस्तियों ने उच्चतम न्यायालय का रूख कर आईपीसी की धारा 377 को रद्द करने की गुहार लगाई है। आईपीसी की धारा 377 के तहत देश में समलैंगिकता एक दंडनीय अपराध है। इस अर्जी पर कल सुनवाई होने की संभावना है।
अदालत की नाफरमानी

अदालत की नाफरमानी

कुछ समय पहले दिल्ली उच्च न्यायालय की पार्किंग में काम करने वाले लड़के की आंतों में इन्फेक्शन हुआ। एक नामी अस्पताल में उसका इलाज चला। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने लड़के को प्रमाणपत्र दिया कि गरीब होने के कारण उसका नि:शुल्क इलाज किया जाए। कुछ समय तक लड़के का इलाज चला लेकिन पैसे न होने के चलते अस्पताल ने इलाज बीच में रोक दिया। लड़के की मौत हो गई। अस्पताल ने बिना फीस अदा किए शव देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के कुछ वकीलों ने अस्पताल के 5 लाख 70 हजार रुपये अदा किए और अस्पताल से शव लेकर उसके परिजनों के सुपुर्द किया। दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष, यूरोपियन यूनियन में प्रिंसीपल काउंसिल और भारत के पूर्व अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एडवोकेट अमरजीत सिंह चंदोक इस घटना का जिक्र करते हुए पूछते हैं, 'जब दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों के यह हाल है तो क्या देश के दूसरे कोने के हालात बताने की जरूरत है?
चर्चाः न्यायाधीशों का नमन | आलोक मेहता

चर्चाः न्यायाधीशों का नमन | आलोक मेहता

न्यायाधीशों के प्रति संपूर्ण समाज में सर्वाधिक सम्मान होता है। निचली अदालतों के फैसलों को चुनौती दी जाती है और अंतिम सीढ़ी यानी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकारा जाता है। कभी कभार बेहद मजबूरी होने पर राष्‍ट्रपति के दरवाजे खटखटाए जाते हैं। अदालतों को न्याय का मंदिर ही माना जाता है।
वित्तीय अनुशासन से कोसों दूर क्रिकेट बोर्ड

वित्तीय अनुशासन से कोसों दूर क्रिकेट बोर्ड

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड की कई इकाइयों ने कई वर्षों से बोर्ड को हिसाब-किताब नहीं दिया है। अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर के अनुसार दिल्ली जिला क्रिकेट संघ ने पिछले तीन साल से भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) में बैलेंस शीट जमा नहीं कराई है।
एक साथ तीन तलाक के पक्ष में नहीं इस्लामी जानकार

एक साथ तीन तलाक के पक्ष में नहीं इस्लामी जानकार

एक साथ तीन तलाक के मुद्दे पर संशोधन की मांग को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भले ही खारिज कर दिया हो, लेकिन इस्लामी जानकारों का कहना है कि तलाक की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है क्योंकि यह कुरान और इस्लाम के मुताबिक नहीं है।
बिहार में चारा घोटाले की 500 फाइलें गायब, एफआईआर दर्ज

बिहार में चारा घोटाले की 500 फाइलें गायब, एफआईआर दर्ज

बिहार में चारा घोटालेे से संबंधित करीब 500 फाइलें गायब हो गई है। भाजपा ने सीएम नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि वह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बचाने का प्रयास कर रहेे हैंं। इसी रणनीति के तहत फाइलें गायब हुई हैं। लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में आरोपी हैं और सजा का सामना कर चुके हैं। जद यू ने कहा है कि मामले की जांच चल रही है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
सांप्रदायिकता की काट के लिए गैर मुस्लिम भी रखें एक दिन रोजा: जस्टिस काटजू

सांप्रदायिकता की काट के लिए गैर मुस्लिम भी रखें एक दिन रोजा: जस्टिस काटजू

भारतीय प्रेस काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने मंगलवार से शुरू हो रहे रमजान के महिने में सभी गैर मुस्लिमों से एक दिन रोजा रखने की अपील की है। काटजू ने ऐसा मुस्लिमों के साथ एकजुटता दिखाने और सांप्रदायिकता के जहर को खत्म करने के मकसद से कहा है।
आवरण कथा- अवैध कमाई की चकाचौंध

आवरण कथा- अवैध कमाई की चकाचौंध

सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में डांस बार को इजाजत दी है। लेकिन महाराष्ट्र सरकार कड़े कानून ले आई है। इस कानून की आड़ में किसके हो रहे हैं पौ-बारह। मुंबई समेत महाराष्ट्र में डांस बार से पाबंदी हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अरसा बीत चुका है। लेकिन कानूनी तरीके से मुंबई में डांस बार अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं।
अंग्रेजों के एजेंट थे सावरकरः काटजू

अंग्रेजों के एजेंट थे सावरकरः काटजू

एक ओर जहां केंद्र सरकार आज देश में विनायक दामोदर सावरकर जयंती मना रही है वहीं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने सावरकर के स्वतंत्रता सेनानी होने पर ही सवाल उठा दिए हैं और कहा है कि वह अंग्रेजों के एजेंट थे।
निर्भया फंड जुबानी जमाखर्च जैसा, राष्ट्रीय मुआवजा नीति बनाएं: कोर्ट

निर्भया फंड जुबानी जमाखर्च जैसा, राष्ट्रीय मुआवजा नीति बनाएं: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह बलात्कार पीड़ितों को पर्याप्त राहत मुहैया कराने के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाए। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि निर्भया कोष जैसा एक अलग कोष बनाना पर्याप्त नहीं है और यह जुबानी जमाखर्च जैसा है।