राष्ट्रपति चुनाव की निर्वाचन प्रक्रिया के साथ ही एनडीए व यूपीए ने कसरत तेज कर दी है। भाजपा की कोर समिति की बैठक में 23 जून को एनडीए उम्मीदवार के नाम की घोषणा पर फैसला हुआ। आम सहमति बनाने के लिए भाजपा की गठित समिति शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व सीपीएम नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात करेगी। वहीं यूपीए में अभी उम्मीदवार को लेकर माथा पच्ची ही चल रही है।
सरकार के 3 साल पूरे होने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने मंत्रालय के कामकाज के बारे में जानकारी दी। सुषमा ने कहा कि हमने पिछले 3 साल के दौरान विदेशों में फंसे 80 हजार भारतीयों को बचाया। साथ ही विदेश मंत्री ने कहा कि इस सरकार के समय में विश्व में हमारा प्रभुत्व बढ़ा है। प्रधानमंत्री की इमेज ग्लोबल लेवल पर मजबूत हुई है।
राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर सोनिया गांधी के बुलाए भोज में आज 17 विपक्षी दल शिरकत कर किए। इस भोज में 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल को नहीं बुलाया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भोज में आने से पहले ही मना कर दिया था। बैठक खत्म होने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बताया कि राष्ट्रपति के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई।
आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक चलन चल पड़ा है कि आप किसी भी विवादास्पद मुद्दे पर लिखोगे तो खूब लाइक्स मिलेंगे। लेकिन एक शोध के मुताबिक फेसबुक पोस्ट पर लाइक्स मिलने से लोग ना तो अपने बारे में बेहतर महसूस करते हैं ना ही उनके मूड में सुधार आता है।
तमिलनाडु में सूखे की मार झेल रहे किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों ने आज बंद का आह्वान किया है। इन विपक्षी दलों में कांग्रेस, माकपा, भाकपा, वीसीके, एमएमके, आइयूएमएल शामिल हैं।
शिवसेना ने आज एयरलाइन कंपनियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि एयरलाइन कंपनियां गुंडे की तरह व्यवहार कर रही है। सेना ने कहा कि वह आतंकवादियों को तो विमान में सवार होने दे रही है, लेकिन आम लोगों पर प्रतिबंध थोप रही है।
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लाइक करना और स्टेटस डालना आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अधिक हानिकारक साबित हो सकता है। यह जानकारी एक नये अध्ययन में सामने आयी है।
निर्वाचन आयोग ऐसे 200 से अधिक दलों के वित्तीय मामलों की जांच करने के लिए आयकर अधिकारियों को पत्र लिखने वाला है, जिन्हें उसने चुनाव न लड़ने के कारण सूची से बाहर किया है। आयोग ने बीते कुछ समय में ऐसे विभिन्न दलों की पहचान की है, जिन्होंने वर्ष 2005 से चुनाव नहीं लड़ा है। आयोग ने ऐसे 200 से अधिक दलों को सूची से बाहर किया है।
चुनाव आयोग ने चंदे के लिए महज कागजों में चलने वाले 200 राजनीतिक दलों की सूची तैयार की है। आयोग इन पर कार्रवाई करेगा। आयोग इनकी मान्यता रद्द करने की तैयारी में है। आयोग को संदेह है कि इन पार्टियों का इस्तेमाल मनी लॉन्डरिंग के लिए हो रहा है, इसलिए वह इनके बारे में जानकारी इनकम टैक्स विभाग को भी भेजेगा ताकि वह आगे की कार्रवाई कर सके।