जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज अभूतपूर्व हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला। विपक्षी सदस्यों ने फर्नीचर को क्षतिग्रस्त कर दिया तथा माइकों को उखाड़ दिया। उनकी मांग थी कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अनुच्छेद 370 पर अपनी टिप्पणियों पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। स्थिति के चलते अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एबीजेएएसएस) ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए पांच जून से हरियाणा में फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए हरियाणा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य के 8 जिलों में धारा 144 लगाई गई है। आंदोलन को रोकने के लिए खट्टर सरकार हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करेगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर आज अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। इस अनुच्छेद के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ है।
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा अलगाववादी मसर्रत आलम की रिहाई के मामले में दिए बयान के बाद पीडीपी और भाजपा के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। भाजपा का अब कहना है कि जबरन तनाव पैदा किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से सरकार चला रही पीडीपी का कहना है कि राज्य से कोई भी ताकत धारा 370 को नहीं हटा सकती है। इस बयान से पता चलता है कि बीजेपी और पीडीपी के बीच की खाई पटने का नाम नहीं ले रही है।