टाइम पत्रिका की सहस्राब्दि के 10 युवाओं की ताजा सूची में 30 वर्षीय भारतीय उद्यमी उमेश सचदेव भी हैं, जो एक ऐसा फोन बना रहे हैं जिसमें किसी भाषा में निर्देशों का आदान-प्रदान किया जा सकता है। इन हस्तियों के काम दुनिया में लोगों के जीवन को बदलने की संभावना रखते हैं। सचदेव को टाइम द्वारा 2016 की सूची में ऐसा फोन बनाने के लिए शमिल किया गया है जो किसी भी भाषा को समझ कर उसमें जवाब दे सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की अपनी यात्रा के दुसरे पड़ाव कतर में हैं। दोनों प्रमुखों के बीच आधिकारिक मुलाकात में व्यापक मुद्दों पर चर्चा के बाद संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए सात महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इससे पहले पीएम ने कतर के प्रमुख उद्योगपतियों से मुलकात के दौरान भारत में निवेश के लिए उद्योग जगत का आह्वान किया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख शरद कुमार के एक बयान पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद पैदा हो गया है। एनआईए प्रमुख ने कथित तौर बयान दिया था कि पठानकोट हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद की मदद में पाकिस्तान सरकार या इसकी किसी एजेंसी का कोई हाथ नहीं है।
सामाजिक कार्यकर्ता हर्षमंदर की नजर में पीएम नरेंद्र मोदी के दो साल के शासन में देश में काम कम और उसका बखान ज्यादा हुआ है। आईएएस अधिकारी रहे हर्षमंदर ने कहा कि आज के भारत में दो साल पहले के मुकाबले विषमताएं ज्यादा बढ़ी हैं। आर्थिक और सामाजिक अलगाव का यहां अब बोलबाला है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी चार दिन के चीन दौरे पर मंगलवार को ग्वांग्झू पहुंचे जहां द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक समझौते होंगे। वहीं द्विपक्षीय बैठकों के दौरान एनएसजी में भारत की सदस्यता का बीजिंग द्वारा विरोध और जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयास को रोकने जैसे मुद्दे भी उठेंगे।
कुछ आर्थिक निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंच ने ई-कॉमर्स, खाद्य प्रसंस्करण और विपणन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध करने का निर्णय किया है।
‘पोरिबोर्तोन’ (बदलाब) का जो नारा लेकर ममता बनर्जी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंची थीं, वही नारा अब विपक्षी वाममोर्चा और कांग्रेस के लिए धारदार हथियार बनने लगा है। ऐसे में सवाल उठता है कि वे आगे क्या लाइन लेंगी? पेश है ममता बनर्जी से दीपक रस्तोगी की कुछ समय पूर्व हुई बातचीत के प्रमुख अंश: