अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अपने वार्षिक आर्थिक आउटलुक अपडेट में चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाओं की समीक्षा की है। वैश्विक संस्था ने एक ओर जहां चीन की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा है कि इसका पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र पर असर पड़ेगा वहीं भारत के बारे में कहा है कि और तेज विकास के लिए उसे कड़े आर्थिक सुधारों के दूसरे चरण की शुरुआत करनी होगी।
चीन में एक महिला अपने पति की नौकरी बचाने की खातिर आठ माह का गर्भ गिराने की गैरकानूनी पहल पर विचार कर रही है। दरअसल आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे चीन में छंटनी का दौर चल रहा है और वहां शहरी क्षेत्र में सिर्फ एक बच्चे को ही जन्म देने का कानून है।
वैश्विक नरमी के बीच अर्थव्यवस्था कैसे प्रोत्साहित हो इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जाने-माने उद्योगपतियों, बैकरों, अर्थशास्त्रियों और मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक का विषय था, हाल का वैश्विक घटनाक्रम-भारत के लिए अवसर। वैश्विक स्तर मंदी को लेकर चल रहे उठा-पटक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चितिंत कर दिया है। इसी चिंता का परिणाम है वह लगातार उद्योग संगठनों और उद्योगपतियों से मिल रहे हैं। इससे पहले 30 जून को भी प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों और उद्योग संगठनों से चर्चा की थी।
सरकार ने तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम और टयू डेवलपर्स सहित 22 विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की मंजूरी रद्द कर दी है। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में संतोषजनक प्रगति नहीं होने की वजह से मंजूरी रद्द की गई।
मुद्रास्फीति और वित्तीय घाटा नियंत्रण में रहने के मद्देनजर बैंकरों और उद्योगपतियों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक मंगलवार को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने और निवेश बढ़ाने के लिए रेपो दर में कटौती कर सकता है।
चीन दौरे के बाद शनिवार को मंगोलिया पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों का ऐलान किया है। इसके तरह भारत की ओर से मंगोलिया को 100 करोड़ डॉलर (करीब 6300 करोड़ रुपए) का ऋण दिया जाएगा। रविवार को मोदी ने मंगोलिया की संसद को भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और चीन के बीच मजबूत एवं व्यापक साझेदारी पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि दोनों पड़ोसी के बीच सौहार्दपूर्ण भागीदारी एशिया के आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक है।