तमिलनाडु में कावेरी मुद्दे पर किसानों और विपक्षी दलों ने केंद्र से तुरंत कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) की स्थापना की मांग करते हुए विभिन्न जगहों पर रेलो को रोक कर धरना और प्रदर्शन किया।
दिल्ली की एक संस्था ने देश में रोजगारों के अवसर पर किए गए अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि साल 2050 तक देश में 70 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे। अध्ययन में कहा गया है कि ऐसा नए रोजगार के अवसरों का सृजन नहीं होने औप पूराने अवसरों के समाप्त होते जाने की वजह से होगा।
भारतीय किसान यूनियन ने गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर 14 अक्टूबर को लखनऊ में बड़ी किसान पंचायत करने की घोषणा की है। यूनियन का दावा है कि पंचायत में प्रदेश के हर ब्लाक से कम से कम 100 किसान कार्यकर्ता शिरकत करेंगे।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने झारखंड में निहत्थे किसानों की हत्या की निंदा करते हुए कहा है कि भाजपा का जमीर मर चुका है। भाजपा अब गरीब किसानों की जमीन लेने के साथ उनकी जान भी ले रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड की हिटलरशाही, दमनकारी, पूंजीपति व तानाशाही भाजपाई सरकार ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर अनेक निहत्थे किसानों को मौत के घाट उतार दिया। पूंजीपतियों की गोद में खेलने वाली भाजपाई सरकार किसानों की जमीन के साथ जान भी ले रही है।
गौतमबुद्ध नगर के किसानों के बाद अब गाजियाबाद के किसानों द्वारा भी अपनी अधिग्रहीत भूमि के बदले मुआवजा उठा लेने की वजह से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्स्प्रेस वे की तमाम अड़चनें दूर हो गई हैं।
भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में भाग लेकर लौटते हुए आज कहा कि उरी में हुआ हमला पूरी तरह अस्वीकार्य है और इस तरह की हरकतों का नतीजा आखिरकार अत्यंत असुखद निकलेगा। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि आतंकवाद को कोई भी सहन नहीं कर सकता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के 7 रेस कोर्स रोड स्थित अपने आवास पर आरएसएस के प्रचारकों के लिए एक भोज का आयोजन किया। गौरक्षकों पर सख्त बयान के बाद मोदी की इस दावत को डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है।
बलूच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा मानवता के खिलाफ किए जा रहे अपराधों को रेखांकित करते हुए आजादी की मांग की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को सिंगूर में किसानों को जमीनों के पर्चा नामक कागजात और चेक सौंपे और कंपनियों को यह संदेश भेजा कि राज्य में वाहन उद्योग स्थापित करने की इच्छा रखने वाली किसी भी कंपनी का स्वागत है।