अपनी अपकमिंग फिल्म ‘चंदा मामा दूर के’ लिए जी-जान से मेहनत करने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत नासा से भी ट्रेनिंग ले चुके हैं। सुशांत के बाद अब अभिनेता आर माधवन भी नासा की ओर बढ़ने वाले हैं।
राब्ता का ट्रेलर जारी होने के बाद लग रहा है कि इस फिल्म कृति सेनन और सुशांत सिंह राजपूत की जोड़ी जम जाएगी। निर्देशक दिनेश विजन को उम्मीद है कि वह फाइडिंग फेनी, कॉकटेल, बदलापुर की सफलता को फिर दोहराएंगे।
फिल्मकार संजय लीला भंसाली पर राजपूत समुदाय के एक समूह ने कथित रूप से हमला किया और उनकी फिल्म पद्मावती की शूटिंग को राजस्थान के जयगढ़ किले में रोक दिया। इन कार्यकर्ताओं ने फिल्म में गलत तथ्य दिखाने का आरोप लगाते हुए फिल्म सेट पर तोड़फोड़ करने का प्रयास किया।
'एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी' फिल्म को सीधे-सीधे बायोपिक नहीं कहा जा सकता। इसमें सिर्फ महेंद्र सिंह के जीवन की कुछ घटनाएं हैं। नीरज पांडे ने हालांकि पूरी कोशिश की है कि यह एक अच्छी बायोपिक फिल्म लगे। पर कहीं-कहीं लगता है कि धोनी के जीवन की कुछ परतें खुलनी फिर भी बाकी रह गई हैं।
पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले, पूर्व क्रिकेटरों प्रवीण आमरे और लालचंद राजपूत ने मंगलवार को कोलकाता में बीसीसीआई की तीन सदस्यीय समिति के सामने अपनी प्रस्तुति पेश की।
हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर गठित की गई कमेटी के अध्यक्ष बीएसएफ के पूर्व डायरेक्टर जनरल प्रकाश सिंह ने अपनी रिपोर्ट में दंगा रोकने में नाकाम राज्य प्रशासन के करीब 80 अधिकारियों का नाम शामिल किया है। इनमें पांच आईएएस तथा पांच आईपीएस अधिकारी भी हैं। सेना की मौजूदगी को गंभीरता से लेते हुए कमेटी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ एक छोटे युद़ध में जितनी सेना लगार्इ्र जा सकती है, उतने जवान हरियाणा में उतार दिए गए थे।
उत्तराखंड विधानसभा में 28 मार्च को हरीश रावत सरकार के शक्ति परीक्षण से पहले मुख्य विपक्षी भाजपा ने बुधवार को दावा किया कि सत्ताधारी कांग्रेस और सरकार में शामिल प्रगतिशील लोकतांत्रिाक मोर्चा पीडीएफ के कम से कम पांच और विधायक पाला बदलकर उसकी तरफ आने को तैयार है।
15 अगस्त, 1960 कानपुर में जन्म। तीन दशक से भी ज्यादा समय से कहानी लेखन में सक्रीय। देश की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित। आंचलिक कथाकार के रूप में पहचान। कुछ कहानियों का बांग्ला, तमिल और उर्दू में अनुवाद। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में कहानियों पर, ‘गोविंद उपाध्याय की कहानियों में सामाजिक जीवन’ शीर्षक से लघु शोध-प्रबंध। ‘बारात’ और ‘पीढ़ी’ कहानियां पाठ्य-पुस्तक में संकलित। कादम्बिनी द्वारा आयोजित साहित्यिक महोत्सव में कहानी पुरस्कृत। कथाबिंब के कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार में कहानी को उत्तम पुरस्कार। कमलेश्वर-वर्तमान साहित्य कथा पुरस्कार में कहानी चयनित एवं प्रकाशित। कई कृतियां, जिसमें से पंखहीन, समय, रेत और फूकन फूफा, सोनपरी का तीसरा अध्याय, चौथे पहर का विरह गीत, आदमी, कुत्ता और ब्रेकिंग न्यूज़, बूढ़ा आदमी और पकड़ी का पेड़ तथा नाटक तो चालू है मुख्य रूप से सराही गईं।