एक तरफ जहां मोदी के समर्थन में जुटाया जा रहा फैन-फेयर, वहीं गुजरात नरंसहार की काली छाया अब भी बरकरार, एलाइंस फॉर जस्जिस एंड अकॉन्टबिल्टी की सक्रियता बढ़ी
एनडीए के घटक दलों में हुए सीट समझौते के बाद गठबंधन के लगभग हर दल में नाराजगी है। लोजपा के रामा सिंह के बाद अब भाजपा के दो विधायकों ने टिकट न मिलने पर बागी रुख अख्तियार कर लिया है।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन में अपने लिए मात्र तीन विधानसभा सीटें छोड़े जाने को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने न केवल अपना अपमान माना है बल्कि आरोप लगाया है कि सीट बंटवारे में उसकी अनदेखी की गई है। राकांपा के इस रुख से महागठबंधन में दरार दिखाई पड़ने लगी है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है। भाजपा के सहयोगी दलों ने अपने-अपने तरीके से सौदेबाजी शुरू कर दी और सीटों के बंटवारे को लेकर भी मनमाना रवैया अपनाने लगे।
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में दरार की आशंकाएं अभी से होने लगी है। भाजपानीत राजग गठबंधन में शामिल रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी लोसपा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हम में अभी से दरार नजर आने लगा है।
पुरानी राजनीति में पगे पर्यवेक्षक बार-बार पूछ रहे हैं कि लालू प्रसाद अपने अहम और जनाधार की आशंकाओं को ताक पर रखकर नीतीश के नाम पर राजी कैसे हो गए। लालू के निजी हावभाव भरमाने वाले भले रहे हों, सार्वजनिक तौर पर उनके वक्तव्य पिछले लोकसभा चुनावों में हार के बाद पिछले उपचुनावों के वक्त से ही भाजपा विरोधी संयुक्त मोर्चे के लिए प्रतिबद्धता के रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच का तनाव शुक्रवार को और निचले स्तर पर पहुंचता दिखा जब केजरीवाल ने कहा कि अगर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का चौकीदार भी बुला ले तो नजीब जंग रेंगते हुए जाएंगे जबकि उनके मंत्रियों से मिलने का उनके पास वक्त नहीं है।