आकाशवाणी के जरिए अपनी बात कहने वाले देश भर के कैजुअल एनाउंसर और कंपीयर ने जंतर-मंतर पर अपने हक के लिए आवाज बुलंद की। तीन और चार अगस्त के दो दिन के धरना-प्रदर्शन में इन कैजुअल एनाउंसर ने केंद्र सरकार और प्रसार भारती के रहनुमाओं तक अपनी 'मन की बात' पहुंचाने की पूरी कोशिश की।
ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ब्रिटेन में रहने वाले उस सिख अलगाववादी नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना चाहती थीं जिस पर इंदिरा गांधी की हत्या के लिए उकसाने का आरोप था। लेकिन राष्ट्रमंडल नागरिकों के बारे में ब्रिटेन के एक कानून के कारण वह उस सिख को प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध को पूरा नहीं कर पाईं थीं। गुरुवार को सार्वजनिक किए गए गोपनीय दस्तावेजों में यह बात सामने आई है।
लंदन के नेहरू सेंटर में ओपी नैय्यर के गीतों से सजी शाम का आयोजन हुआ। कुल 140 सीटों वाले नेहरू सेंटर में 170 लोगों ने अर्पण कुमार और मीतल के मार्फत मुहम्मद रफी और आशा भोंसले की आवाजों को सुना। की-बोर्ड पर सुनील जाधव थे तो तबले पर केवल। गीतों से भरी इस शाम में कई लोग दूर-दूर से आए थे।
देश के सबसे लोकप्रिय मुक्केबाज और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह ने एमेच्योर (शौकिया) मुक्केबाजी को छोड़कर अब पेशेवर मुक्केबाजी को अपना लिया है। इसका अर्थ यह है कि अब विजेंदर किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएंगे और अगले वर्ष ओलंपिक में भी भाग नहीं ले पाएंगे। ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बनने के बाद विजेंदर भारतीय मुक्केबाजी का चर्चित चेहरा बन गए थे।
रोज नए खुलासे कर रहे ललित मोदी ने अब प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा से लंदन में मिलने का दावा कर विवाद खड़ा करने की कोशिश की है। उन्होंने दावा किया है कि यूपीए की सरकार के दौरान चलते-फिरते वह लंदन में प्रियंका व रॉबर्ट वाड्रा से मिले थे।
महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना भले ही मिलकर सरकार चला रहे हों मगर अब यह साफ हो चुका है सहयोग का यह भाव सिर्फ सरकार चलाने तक ही सीमित है। हकीकत यह है कि दोनों पार्टियां एक दूसरे को पटकनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।
भाजपा के शीर्ष नेताओं वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज से जुड़ा ललितगेट विवाद गहराता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम भी कूद गए हैं। चिदंबरम ने ललित मोदी मामले में संप्रग सरकार के दौरान ब्रिटेन के अधिकारियों को लिखे गए सभी पत्रों को सार्वजनिक करने की मांग की जिसमें बारे में उनका कहना है कि इससे कांग्रेस और उनके खिलाफ सभी आरोपों का जवाब मिल जाएगा।