सियासी सरगर्मियों के बीच बिहार में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। आईजीआईएमएस पटना ने अपने कर्मचारियों को ये बताने को कहा है कि वो वर्जिन है या नहीं। इस पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने भी अपनी सफाई पेश कर दी। वहीं अब इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान प्रशासन ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है कि तत्काल प्रभाव से अभ्यर्थियों के घोषणापत्र से 'वर्जिन' शब्द को हटा दिया गया है।
विश्व में मोदी सरकार की लोकप्रियता किस हद तक बढ़ी है इसका सबूत जानी-मानी कंपनी फोर्ब्स ने एक ट्वीट के माध्यम से पेश्ा किया है। फोर्ब्स ने अपने ट्वीट में बताया है कि अपनी वर्तमान सरकार पर भरोसा करने वाले देशों में भारत पहले नंबर पर है।
हाल ही में एक ओर जहां भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर हैं तो वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी सरेराह अपनी एक ऐसी हरकत के कारण इंटरनेट यूजर्स का शिकार हो रहे हैं।
देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को लेकर लोग काफी जागरुक हो गए हैं। सभी देशवासी अपना-अपना सहयोग देकर देश को स्वच्छ और खुले मे शौच से मुक्ति बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।सिर्फ यही नहीं बल्कि काफी लोग ऐसे भी हैं, जो बिना सरकार के मदद के अपना काम स्वयं कर रहे हैं और नई मिसाल कायम कर रहे हैं।
दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंची केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एक जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर्स की एक टीम भी अस्पताल पहुंच गई है।
जीएसटी कुछ समय में लागू होने वाला है। इस बीच पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा का कहना है कि जीएसटी को जुलाई में लागू नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि जब तक जीएसटी पर सर्वसम्मति नहीं बन जाती और उससे जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान नहीं खोज लिया जाता, इस विधेयक को पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश नहीं किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि लोकतंत्र में सरकारें जवाबदेह होती हैं उनको जनता-जनार्दन को हिसाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, "मेरी सरकार के तीन साल पूरे होने पर कई तरह के सर्वे और ओपीनियन पोल आए हैं। कहीं तारीफ हुई है तो कहीं आलोचना। लेकिन हमारे लिए सभी महत्वपूर्ण हैं। हमारे 3 साल के काम को हर कसौटी में कसा गया है।"
देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ये है कि दुनिया में स्वास्थ्य सेवाओं के मामलों में भारत का 154 वां स्थान है। 195 देशों की सूची में भारत की ऐसी स्थिति संकेत कर रही है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अभी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।