भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का पाटीदार समुदाय अब भी विरोध कर रहा है। अमित शाह को उनके अपने ही राज्य गुजरात में सोमवार रात अजीबोगरीब स्थिति का सामना करना पड़ा। जब उनका काफिला सोमनाथ जा रहा था तो जूनागढ़ के केशोद के पास उन पर अंडे फेंके गए।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। हार्दिक पटेल गुजरात में पाटीदार आंदोलन के जरिए आनंदी बेेन की सरकार को परेशान कर चुके हैं। यहां तक आनंदी बेेन के इस्तीफे की वजह भी हार्दिक कहे जाते हैं। इन्हीं की वजह से राज्य की भाजपा सरकार की काफी किरकिरी हुई थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सूरत में सभा से ठीक पहले विरोध में जमकर नारेबाजी हुई और काले झंडे दिखाए गए। सभा में केजरीवाल पाकिस्तान जाओ का नारा भी लगा। उड़ी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक पर केजरीवाल के सवाल से कार्यकर्ता नाराज थे। खास बात यह है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल का एक पूर्व सहयोगी विरोध प्रदर्शन को लीड कर रहा था।
सूरत में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभा में हार्दिक पटेल के समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया। पाटीदार राजस्वी सम्मान समारोह में पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को हार्दिक समर्थको का जमकर विरोध सामना करना पड़ा।
पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के दो पूर्व सहयोगियों ने दावा किया है कि पटेल ने एक नेता के रूप में उभरने के लिए आरक्षण आंदोलन का इस्तेमाल किया। पूर्व सहयोगियों ने आरोप लगाया कि आंदोलन शुरू होने के एक साल के भीतर ही हार्दिक करोड़पति बन गया।
बीते शुक्रवार को जेल से बाहर आए पटेल आरक्षण के नेता हार्दिक पटेल ने अपनी जमानत की शर्त के अनुरूप रविवार की सुबह गुजरात छोड़ दिया। निर्वासन की इस अवधि को पूरा करने के लिए हार्दिक राजस्थान के उदयपुर पहुंच गए हैं। वह यहीं एक मकान में छह महीने तक रहेंगे।
अच्छी फिल्मों का जादू हमेशा बरकरार रहता है। कुछ फिल्में बनती हैं और दर्शकों तक पहुंच नहीं पातीं। ऐसी अच्छी फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया है, दृश्यम फिल्म्स के बैनर तले द मास्टर्स ने।
भेजा फ्राय और भेजा फ्राय 2 बनाने वाले निर्देशक सागर बेल्लारी ने अपनी नई फिल्म पर काम शुरू कर दिया है। सागर फिल्मों में परिस्थितिजन्य हास्य गढ़ने के लिए जाने जाते हैं। उनकी फिल्मों में संवाद से ज्यादा कलाकारों के हावभाव दर्शकों को गुदगुदाते हैं।