महागठबंधन की इस आंधी में बिहार की राजनीति के कई बड़े और चर्चित चेहरों को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा, लोजपा और हम के साथ साथ एमआईएम के कई बड़े नेता हार गए हैं।
उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी को तगड़ा लगा है। पंचायत चुनाव में सपा समर्थकों की हार ने यह बता दिया कि जनता का झुकाव अब दूसरे दलों की ओर हो रहा है। मजेदार बात यह है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के समर्थकों ने प्रदेश में खाता खोल दिया है।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला है। बसपा आंदोलन के संस्थापक मान्यवर कांशीराम की पुण़्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस और भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई के जरिए बार-बार मेरी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए कठिन परीक्षा वाला चुनाव साबित होने जा रहा है। राज्य में चार चरणों में मतदान होना है और पहले चरण का मतदान 9 अक्टूबर को हो रहा है। जबकि दूसरा चरण 13, तीसरा 17 और चौथे चरण का मतदान 29 अक्टूबर को होगा। जबकि मतगणना एक नवंबर को होगी।
दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोहत्या की अफवाह के बाद एक व्यक्ति की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजनीतिक दलों के नुमाइंदों के दादरी पहुंचने से जहां कानून-व्यवस्था पर असर पड़ रहा है वहीं इसको लेकर सियासत गरम हो गई है। मामले की गंभीरता और लोगों को उग्र होते देख प्रशासन ने धारा 144 लगा दिया है। बताया जा रहा है कि एसडीएम ने पीड़ित को धमकाया भी है।
एक तरफ जहां मोदी के समर्थन में जुटाया जा रहा फैन-फेयर, वहीं गुजरात नरंसहार की काली छाया अब भी बरकरार, एलाइंस फॉर जस्जिस एंड अकॉन्टबिल्टी की सक्रियता बढ़ी
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए होने जा रहे चुनावी महाभारत के लिए मैदान तकरीबन सज चुका है। एक दूसरे को शिकस्त देने के इरादे से दोनों राजनीतिक गठबंधन अपने सेनापतियों के साथ आमने सामने डट गए हैं। तीसरी ताकत के नाम पर कुछ महारथी खुद के जीतने के लिए नहीं बल्कि किसी और को हराने और किसी और की जीत में मददगार साबित होने की रणनीति के तहत अगल बगल से या फिर नेपथ्य में रह कर भी इस चुनावी महाभारत में अपनी भूमिका के लिए उद्धत हैं।
बिहार में राजद-जदयू-कांग्रेस महागठबंधन ने उन सीटों की घोषणा कर दी जिनपर अलग-अलग तीनों पार्टियां चुनाव लड़ेंगी। कुल 243 सीटों में अब राजद और जदयू 101-101 और कांग्रेस 41 सीटों पर लड़ेगी। पटना में तीनों दलों के संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी गई है।
एनडीए के घटक दलों में हुए सीट समझौते के बाद गठबंधन के लगभग हर दल में नाराजगी है। लोजपा के रामा सिंह के बाद अब भाजपा के दो विधायकों ने टिकट न मिलने पर बागी रुख अख्तियार कर लिया है।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन में अपने लिए मात्र तीन विधानसभा सीटें छोड़े जाने को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने न केवल अपना अपमान माना है बल्कि आरोप लगाया है कि सीट बंटवारे में उसकी अनदेखी की गई है। राकांपा के इस रुख से महागठबंधन में दरार दिखाई पड़ने लगी है।