हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने एक विडियो संदेश जारी कर भारत सरकार को जमकर कोसा। वहीं, उन्होंने पाकिस्तान और चीन को कश्मीर की आजादी में समर्थन देने के लिए शुक्रिया भी अदा किया।
प्रशासन द्वारा तीन थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरी कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटा दिए जाने के कारण श्रीनगर शहर में जनजीवन सामान्य की ओर लौटने लगा। हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से बीते 51 दिनों से घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ था।
बलूचिस्तान के एक शीर्ष नेता ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सुरक्षाबल बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का भीषण उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन में भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की मांग भी की है।
पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के दो पूर्व सहयोगियों ने दावा किया है कि पटेल ने एक नेता के रूप में उभरने के लिए आरक्षण आंदोलन का इस्तेमाल किया। पूर्व सहयोगियों ने आरोप लगाया कि आंदोलन शुरू होने के एक साल के भीतर ही हार्दिक करोड़पति बन गया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने शनिवार को असम के कोकराझार पहुंच कर उस स्थान की गहन जांच की जहां शुक्रवार को आतंकवादी हमला हुआ था। जांच एजेंसी ने घटनास्थल पर प्रत्यक्षदर्शियों से भी बातचीत की।
अलगाववादियों के बंद और कुछ क्षेत्रों में जारी कर्फ्यू के कारण कश्मीर घाटी में लगातार 23वें दिन भी सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। वहीं पिछले दिनों घायल हुए एक युवक की मौत हो जाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है।
जेएनयू छात्रासंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने पटना आर्ट्स कॉलेज में जारी छात्रों के आंदोलन को समाप्त कराए जाने और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा तिथि में बदलाव की अपील बिहार सरकार से करते हुए रविवार को कहा कि छात्रों को पढ़ने दिया जाए, उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए विवश न किया जाए।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच न्यायाधीशों के अस्थायी आवंटन के खिलाफ आंदोलन और तेज हो गया है। हैदराबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अनुशासनहीनता के आधार पर निचली अदालत के नौ और न्यायाधीशों को निलंबित कर दिया जिसके विरोध में राज्य के 200 न्यायिक अधिकारी 15 दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर चले गए।
अलगाववादियों ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत कश्मीरी पंडितों से घाटी में उनकी वापसी पर चर्चा करने का फैसला किया है। आतंकवाद के चलते 26 साल से भी ज्यादा पहले घाटी छोड़ने को विवश हुए समुदाय को वापस लाने का अलगाववादियों का यह पहला गंभीर प्रयास है।