क्रिकेट प्रशासकों की समिति (सीओए) से अलग हो चुके इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने बीसीसीआई को निशाने पर लिया है। गुहा ने अऩिल कुंबले, राहुल द्रविड़ और जहीर खान के मुद्दे पर कहा कि इन क्रिकेटरों ने क्रिकेट के लिए अपना सब कुछ लगा दिया और क्रिकेट के लिए महान थे। इनका अपमान किया जाना उचित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों में एक विक्रम लिमये का बीसीसीआई से जाना तय हो गया है। सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में बतौर सीईओ उऩकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। जुलाई में सुप्रीम कोर्ट के खुलने पर लिमये अपना बात रखने के बाद इस्तीफा देंगे।
बीसीसीआई की प्रशासक समिति से इस्तीफा देने के बाद रामचंद्र गुहा ने बीसीसीआई पर बड़ा बयान दिया है। गुहा ने कहा अगर बीसीसीआई लगातार बढ़ रहे सुपरस्टार कल्चर को खत्म नहीं करता है, तो आने वाले समय में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। साथ ही उन्होंने धोनी, गावस्कर, गांगुली और कोहली पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने आज बीसीसीआई में गठित क्रिकेट प्रशासन समिति से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से यह इस्तीफ दिया है।
प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को रिटायर हो जाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि आने वाले कुछ सालों में भाजपा ही देश में इकलौती राष्ट्रीय पार्टी बनकर उभरेगी। जो काफी लोकप्रिय रहेगी। उन्होंने कहा कि कई लोग सोचते हैं कि कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में फिर से वापसी कर सकती है। मगर ऐसा नहीं है।
प्रख्यात इतिहासकार और जीवनीकार रामचंद्र गुहा ने आज कहा कि भारतीय बहुलवाद सबसे बड़े खतरों में से एक खतरे का सामना कर रहा है। यह खतरा उसे उन धार्मिक राष्ट्रवादियों से है, जो इसे कमजोर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जहां तक यूनान के मौजूदा संकट का सवाल है, इससे जुड़े मजाक की भी अपनी-अपनी विचारधाराएं हैं। एक प्रचलित चुटकुले का पूंजीवादी संस्करण इस प्रकार है। डच होने की पहचान यह है कि एक रेस्तरां में एक टेबल पर साथ में खाना खाए लोग मिलकर बिल का भुगतान करते हैं जबकि ग्रीक होने का मतलब है खाना खा लेने और शराब पी लेने के बाद जब सभी उठते हैं तो पता चलता है कि बिल देने के लिए किसी के पास पैसे नहीं हैं। इसी लतीफे का समाजवादी संस्करण यह है कि जिन लोगों ने खाने का आर्डर दिया है उन्हें पता चलता है कि उनका खाना रेस्तरां का मालिक खा गया और अब बिल उनको भरना है।
संसद में पेश सीएजी (कैग) की ड्राफ्ट रिपोर्ट में पहले 22,842 करोड़ रुपये का रिलायंस जियो को 'अनुचित लाभ’ देने की बात कही गई मगर फाइनल रिपोर्ट में आश्चर्यजनक रूप से यह रकम घटकर 3,367 करोड़ रुपये हो गई। दिलचस्प यह है कि आरबी सिन्हा, जिनकी निगरानी में ये ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार हुई, उनका इसी महीने तबादला हो गया।