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बिहार में बाढ़ का कहर: अब तक 22 लोगों की मौत, लाखों प्रभावित

बिहार में बाढ़ का कहर: अब तक 22 लोगों की मौत, लाखों प्रभावित

बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। राज्य में बाढ़ से अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इससे प्रदेश के 10 जिलों के 17.85 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हैं।
मेक्सिको के राष्ट्रपति की खरी-खरी, ट्रंप यदि चाहते हैं तो बना सकते हैं दीवार

मेक्सिको के राष्ट्रपति की खरी-खरी, ट्रंप यदि चाहते हैं तो बना सकते हैं दीवार

मेक्सिको के राष्ट्रपति ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को लेकर उन पर पलटवार किया है कि यदि वह राष्ट्रपति बनते हैं तो मेक्सिको से अमेरिकी सीमा पर दीवार बनवाएंगे।
मप्र में भारी वर्षा से 15 लोगों की मौत, शिवराज ने बुलाई आपात बैठक

मप्र में भारी वर्षा से 15 लोगों की मौत, शिवराज ने बुलाई आपात बैठक

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित अनेक भागों में पिछले कुछ दिन से हो रही लगातार तेज बारिश से कई निचले स्थानों पर बाढ़ की स्थिति बन गई है। करीब आधे मध्यप्रदेश में तो पानी ही पानी हो गया है। कई नदियां उफान पर है। 16 जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वर्षा और बाढ़ से प्रदेश में अब तक 15 लोगों की मौत हुई है।
उत्तराखंड में भारी बारिश : बादल फटने से 29  की मौत, अभी जारी रहेगी बारिश

उत्तराखंड में भारी बारिश : बादल फटने से 29 की मौत, अभी जारी रहेगी बारिश

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश, बादल फटने और बाढ़ से अब तक 29 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। वहीं मरने वालों की तादाद और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। पिथौरागढ़ से ही 11 लोगों के मरने की ख़बर है, जिनमें 3 बच्चे भी शामिल हैं। वहीं कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
16 जूून की वो रात, त्रासदी के मिटे निशां, इस साल पहुंचेंगे सात लाख तीर्थालु

16 जूून की वो रात, त्रासदी के मिटे निशां, इस साल पहुंचेंगे सात लाख तीर्थालु

तीन साल पहले 16 जून की रात केदारनाथ में हुई भारी जल प्रलय के निशान अब मिटने लगे हैं। केदारनाथ मंदिर के पास शांत बह रही मंदाकिनी के नवनिर्मित किनारे श्रद़धालुओं में शायद यही संदेश दे रहे हैं, कि जख्‍म कितना भी घातक हो, वक्‍त सबसे बड़ा मरहम होता है। प्रलयंकारी उफान में 11,755 फुट की उंचाई पर स्थित हिमालयी धाम के डूबने के साथ ही देश भर से आये श्रद़धालु, पुजारी, व्यापारी और स्थानीय लोगों सहित करीब 5000 जिंदगियां बह गई थीं। रह गयी थी बस चीख और पुकार तथा अपनों का क्रंदन। उस मातमी माहौल को केदारनाथ की महिमा ने पीछे कर दिया है।
हिट एंड रन केस: सलमान के बरी होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पीड़ित

हिट एंड रन केस: सलमान के बरी होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पीड़ित

हिट एंड रन केस के मामले में सलमान खान की मुश्कलें फिर बढ़ सकती हैं। साल 2002 में हुए इस हादसे में घायल व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर बंबई उच्च न्यायालय द्वारा खान को बरी करने के फैसले को चुनौती दी है।
हिट एंड रन केस: सलमान के खिलाफ अपील करेगी महाराष्ट्र सरकार

हिट एंड रन केस: सलमान के खिलाफ अपील करेगी महाराष्ट्र सरकार

2002 के हिट एंड रन मामले में सलमान खान की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में सलमान खान को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।
अदालत को पाटिल की गवाही पर संदेह, सलमान को राहत संभव

अदालत को पाटिल की गवाही पर संदेह, सलमान को राहत संभव

बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को वर्ष 2002 के हिट एंड रन केस में बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के पूर्व पुलिस अंगरक्षक और गवाह रवींद्र पाटिल की गवाही पर संदेह जताया और कहा कि उन पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा सकता। अदालत के संदेह व्यक्त करने से सलमान को राहत मिलने की संभावना प्रबल हो गई है।
सरकार ने माना भीषण बाढ़, घोषित हो सकती है राष्ट्रीय आपदा

सरकार ने माना भीषण बाढ़, घोषित हो सकती है राष्ट्रीय आपदा

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और उसके आसपास के इलाकों में आई भीषण बाढ़ को लेकर सरकार ने माना कि स्थिति अधिक गंभीर है और शहर एक टापू बनकर रह गया है। संसद के दोनों सदनों में बाढ़ को लेकर चर्चा हुई और सांसदों ने कहा कि स्थिति की भयावहता को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। यह संभव है कि सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दे।
पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
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