देश में पिछले दो सालों में खाने पीने की चीजों के दामों में बेेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। लोग इसका रोना भी रो रहे हैं। लेकिन रोजमर्रा के उपयोग की इन वस्तुओं के दामों में कोई कमी नहीं आई। इन सबके बीच शिक्षा पर भी महंगाई की मार पड़ी है। पिछले दो सालोंं में स्कूलों की फीस और शिक्षण सामग्री भी महंगी हुई है।
दलितों की शिक्षा, अंग्रेजी के बोलबाले की वकालत से लेकर दलितों के खाने तक के लिए अलग अंदाज में बैटिंग करने के लिए मशहूर चंद्रभान प्रसाद अब दलित खाने की मार्केटिंग के साथ सामने आए हैं। पेश है दलित फूड्स डॉट कॉम नाम से एक अलग कंपनी शुरू करने वाले दलित चिंतक और अब उद्यमी चंद्रभान प्रसाद से आउटलुक ब्यूरो प्रमुख से बातचीत (वीडियो गैलरी में देखें बातचीत)
सरकार को अगले छह महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की उम्मीद है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने कहा कि इसके अलावा सरकार उन बीमार कंपनियों को बंद करने पर भी विचार कर रही है जिनका पुनरोद्धार संभव नहीं है।
भारत के बैंकिंग क्षेत्र पर मुख्य तौर पर 2011-13 के दौरान अटकी परियोजनाओं के कारण कुछ दबाव है और इन परियोजनाओं की मुश्किलें दूर करने की कोशिशें की जा रही है।
देश में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के बीच पंजाब कांग्रेस ने कहा कि महंगाई पर 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्राी मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांगने वाली भारताीय जनता पार्टी अब मसले पर चुप क्यों है। देश में खाने पीने की चीजों के दामोंं में बेतरतीब बढ़ाेतरी हो रही है। ऐसे में भाजपा को इस पर देशवासियों को कुछ तो बताना चाहिए कि आखिर महंगाई क्यों बढ़ रही है।
ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने से देश के 108 अरब डालर के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग को कुछ समय के लिए अनिश्चितता की स्थिति से जूझना पड़ सकता है।
रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधार के बाद सरकार द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ का कहना है कि वह विदेशी कंपनियों के साथ न सिर्फ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है बल्कि अपने उत्पादों के निर्यात को भी तैयार है।
फास्ट फूड क्षेत्र की प्रमुख कंपनी मैक्डॉनल्ड्स पिछले नवंबर में घोषित 50 करोड़ डालर की लागत कटौती की घोषणा के अंग के तौर पर कुछ नौकरियां भारत में आउटसोर्स कर सकती है यह बात मीडिया में आई एक खबर में कही गई है।