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फ्लोर टेस्ट से पहले उत्‍तराखंड में स्टिंग का एक और डंक

फ्लोर टेस्ट से पहले उत्‍तराखंड में स्टिंग का एक और डंक

उत्‍तराखंड में शक्ति परीक्षण के पहले एक और स्टिंग ने राजनीति में सनसनी फैला दी है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में 10 मई को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है। इसको ध्‍यान में रखते हुए कांग्रेस और भाजपा हर तरह के प्रयास कर रही है ताकि विधानसभा में उनको बहुमत मिल जाए।
केंद्र सरकार के खिलाफ है हाईकोर्ट का फैसला

केंद्र सरकार के खिलाफ है हाईकोर्ट का फैसला

नैनिताल उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश के जरिए एक समानांतर प्रक्रिया शुरू की, जिसका अभी तक कोई उदाहरण नहीं मिलता, पहली बार राष्ट्रपति शासन के अंतर्गत होगा बहुमत परीक्षण
स्कूली छात्राओं को सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगी नीतीश सरकार

स्कूली छात्राओं को सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगी नीतीश सरकार

बिहार की नीतीश सरकार अपने एक अन्य अनूठे प्रयास के तहत 8 से 12 कक्षा तक की छात्राओं को स्वच्छता के लिए सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगी।
क्या हैं आप- पप्पू या फेंकू

क्या हैं आप- पप्पू या फेंकू

हर व्यक्ति का पीठ के पीछे एक नाम होता है। चेपू, चाटू, सर्किट, भयंकर। आपका भी जरूर होगा। पर आजकल तो बस दो ही विशेष नाम फैशन में हैं। जरा इन सवालों और उनके जवाबों पर नजर डालिए और पता कीजिए क्या हैं आप।
एफबीआई लैब: जहर से नहीं हुई थी सुनंदा की मौत

एफबीआई लैब: जहर से नहीं हुई थी सुनंदा की मौत

कांग्रेस सांसद शशि थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में एफबीआई जांच रिपोर्ट में आज एक नया खुलासा सामने आया है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट से पता चला है कि सुनंदा की मौत किसी प्रकार के जहर से नहीं हुई थी।
भारत के इसी ‘अकरम’ ने सिखाई हमें रिवर्स स्विंग

भारत के इसी ‘अकरम’ ने सिखाई हमें रिवर्स स्विंग

बाएं हाथ के 37 वर्षीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। लेकिन उन्हें हमेशा इसी बात के लिए याद किया जाएगा कि उन्होंने ही भारतीय गेंदबाजों में विश्वास भरा कि रिवर्स स्विंग पाकिस्तानी गेंदबाजों की बपौती नहीं है।
हिन्दी में भी हो एमबीबीएस परीक्षा: डॉ. मोहनलाल चीपा

हिन्दी में भी हो एमबीबीएस परीक्षा: डॉ. मोहनलाल चीपा

अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से जो छात्र डाॅक्टर बनकर निकल रहे हैं, उसमें से 54 प्रतिशत डाॅक्टर विदेश चले जाते हैं और लौटकर भारत नहीं आते। रिपोर्ट यह भी कहती है कि हिन्दी माध्यम से स्कूल की पढ़ाई अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने वाले छात्र जब एम्स जैसी संस्था में पढ़ने जाते हैं, तो भाषाई स्तर पर पिछड़ने की वजह से उनमें से कई तो आत्महत्या तक कर लेते हैं। यही वजह है कि अब एमबीबीएस की परीक्षा हिंदी में कराने की मुहिम तेज हो गई है।
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