लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज कहा कि सरकार नोटबंदी पर संसद में चर्चा करने से भाग रही है और इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड जैसे मुद्दे उठा रही है।
नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में बृहस्पतिवार को भी गतिरोध कायम रहा तथा विपक्ष के हंगामे के बीच इस पर चर्चा को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। हालांकि हंगामे के बीच लोकसभा में आम बजट से जुड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कर दिया गया।
लोकसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल में भाजपा के अनुराग ठाकुर ने सरकार से पूछा कि क्या अन्य कई देशों की तरह भारत में क्रिकेट में सट्टेबाजी को वैध करने का कोई विचार है। खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सट्टेबाजी खेलों में ही नहीं बल्कि कई क्षेत्रों में होती है और अगर उस पर रोक लगाई जाती है तो खेलों में सट्टेबाजी भी रक जाएगी।
लोकसभा में शुक्रवार को उस समय अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई जब दर्शकदीर्घा में बैठे एक व्यक्ति ने सदन की कार्यवाही स्थगित होने के तुरंत बाद सदन में कूदने का प्रयास किया लेकिन सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ कर काबू में कर लिया। नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सुबह 11:20 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित की, उसी समय विपक्ष के एक सांसद ने दर्शकदीर्घा की ओर इशारा किया जहां सुरक्षा कर्मी एक व्यक्ति को पकड़े हुए थे।
यूपी में कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए सभी हरसंभव प्रयास कर रही है। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी को देश के सबसे बड़े सूबे के विधानसभा चुनाव पर सक्रिय रहने के लिए पार्टी सूत्रों ने कहा है। दाेनों भाई-बहन इस प्रदेश को जीतने की कोशिश में है। विधानसभा चुनाव के अलावा लोेकसभा में यहां कांग्रेस दमदार प्रदर्शन की अास लगाई हुई है। पार्टी इसके लिए विशेष रणनीति भी बना रही है।
बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर गुरुवार को लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया और सदन का कार्य स्थगित करके तत्काल चर्चा कराने की मांग की। सरकार ने कहा कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है हालांकि विपक्षी दल कार्यस्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे।
लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराए जाने की बहस को मोदी सरकार अब निर्णायक मोड़ पर ले जाने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से पब्लिक फोरम में इस मुद्दे को रखने और बाद में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भी सहयोग मिलने से केंद्र सरकार अब आम राय के जरिए दूसरे अन्य दलों पर मसले में साथ आने का दबाव डालने वाली है। सरकार को 3 दिनों के अंदर 6000 से अधिक लोगों ने अपनी राय दी है। इनमें अधिकतर ने दोनों चुनाव को साथ कराने के प्रस्ताव को समर्थन दिया है।
2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी का नारा था अच्छे दिन। केंद्र में सरकार बने महज एक साल ही हुआ था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसे एक जुमला बता दिया था। अब मोदी सरकार के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 'अच्छे दिन' के नारे को सरकार के गले में फंसी हड्डी बता दिया।
क्या लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना वांछित है। इस सवाल के साथ-साथ सरकार ने इसी मुद्दे से जुड़े अन्य कई सवालों को अपनी वेबसाइट माईगोव डॉट कॉम पर पोस्ट किया है ताकि वह आम जनता समेत सभी लोगों के विचार जान सके। इस मुद्दे पर अपने विचार देने की अंतिम तिथि 15 अक्तूबर है।
लोकसभा में मंगलवार को एक दिलचस्प वाक्या तब सामने आया जब सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने जैव विविधता उद्यानोंं से संबंधित प्रश्न के तहत उत्तरप्रदेश के इटावा में लायन सफारी में दो शेरों की मौत का विषय उठाया और बेहद दुखी स्वर में कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी द्वारा भेंट किये गए दो शेर मर गए।