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आर्थिक मोर्चे पर धीमी पड़ी रफ्तार, विकास दर घटकर 7.1 फीसदी हुई

आर्थिक मोर्चे पर धीमी पड़ी रफ्तार, विकास दर घटकर 7.1 फीसदी हुई

सूखा और खनन व निर्माण क्षेत्र की धीमी गति के चलते विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर 7.1 प्रतिशत रह गयी है जो कि पिछली छह तिमाही में सबसेे कम है। जीडीपी में वृद्धि का ताजा स्तर वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.5 प्रतिशत की अपेक्षा कम है।
मेडल चाहिए तो लड़कियों को आगे लाना होगा

मेडल चाहिए तो लड़कियों को आगे लाना होगा

आेलंपिक मेंं अगर मेडल लाना है तो लड़कियों को आगे लाना होगा। 98 देशों पर हुए वैश्विक अध्‍ययन के बाद निष्‍कर्ष आया है कि जिन देशों में लैंगिक समानता है वहां की लड़कियों ने ओलंपिक में ज्‍यादा से ज्‍यादा पदक बटाेेरे हैं।
अधिक विकास दिखाने के लिए मोदी सरकार कर रही आंकड़ों में हेरफेर: दिग्विजय सिंह

अधिक विकास दिखाने के लिए मोदी सरकार कर रही आंकड़ों में हेरफेर: दिग्विजय सिंह

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत राजग सरकार अधिक जीडीपी दिखाने के लिए आंकड़ों में हेरफेर कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि आर्थिक प्रगति जमीन पर नहीं दिख रही है।
अप्रत्यक्ष कर संग्रह से पहली बार बजटीय लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद

अप्रत्यक्ष कर संग्रह से पहली बार बजटीय लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान से करीब 40,000 करोड़ रुपये अधिक हो सकता है जिससे सरकार को पिछले पांच साल में पहली बार राजस्व संग्रह का बजटीय लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बुधवार को कहा कि इससे प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी की भरपाई हो जाएगी।
कॉर्पोरेट कर की दर चार साल में 25 प्रतिशत होगी: जेटली

कॉर्पोरेट कर की दर चार साल में 25 प्रतिशत होगी: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत में व्यक्तिगत आय पर कर की दरों को अधिक तर्कसंगत बनाने और अगले वित्त वर्ष से अगले चार साल के भीतर कंपनी कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने का वादा किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि व्यक्तिगत बचत प्रोत्साहित करने वाली रियायतों को छोड़कर आय कर में अन्य छूटें खत्म करने की तैयारी है।
विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारतः पनगढ़िया

विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारतः पनगढ़िया

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढ़िया ने विश्वास जताया है कि विकास आधारित नीतियों पर आगे बढ़ते रहने से भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 15 साल या उससे भी कम समय में 8,000 अरब अमेरिकी डालर तक पहुंच सकती है और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है।
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