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एनएसजी के लिए भारत के प्रयास में अड़ंगा डालने पर अमेरिका ने पाक को झिड़का

एनएसजी के लिए भारत के प्रयास में अड़ंगा डालने पर अमेरिका ने पाक को झिड़का

परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने के भारत के प्रयास का विरोध कर रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने झिड़कते हुए बताया है कि भारत का यह प्रयास हथियारों की दौड़ के बारे में नहीं, बल्कि परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के बारे में है।
ट्रंप के बयान के बाद मुस्लिमों के समर्थन में आए गूगल प्रमुख

ट्रंप के बयान के बाद मुस्लिमों के समर्थन में आए गूगल प्रमुख

फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग के बाद अब गूगल गूगल प्रमुख सुंदर पिचई भी मुस्लिमों के समर्थन में उतर आए हैं। शनिवार को अपने एक ब्लॉग के जरिये उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका और विश्व में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना चाहिए।
इसरो 16 दिसंबर को सिंगापुर के छह प्रक्षेपास्‍त्र छोड़ेगा

इसरो 16 दिसंबर को सिंगापुर के छह प्रक्षेपास्‍त्र छोड़ेगा

भारत से अगले हफ्ते सिंगापुर निर्मित छह सेटेलाइट प्रक्षेपित किए जाएंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कुल 625 किलो वजन वाले इन प्रक्षेपास्‍त्रों को पोलर सेटेलाइट लांच व्हिकल (पीएसएलवी) रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा।
पृथ्वी पर 4.1 अरब वर्ष पहले हुई थी जीवन की शुरुआत

पृथ्वी पर 4.1 अरब वर्ष पहले हुई थी जीवन की शुरुआत

पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत 30 करोड़ वर्ष पहले नहीं बल्कि कम-से-कम 4.1 अरब वर्ष पहले हुई थी। पूर्व के दस्तावेजों के अनुसार, हमारे ग्रह पर 30 करोड़ वर्ष पहले जीवन की शुरुआत होने की बात कही गई थी लेकिन नये अनुसंधान में नए तथ्य सामने आए हैं।
फेसबुक लाएगा नापसंदगी बटन

फेसबुक लाएगा नापसंदगी बटन

कई सालों से फेसबुक इस्तेमाल कर रहे लोगों की मांग पूरी करते हुए फेसबुक अब अंतत: डिसलाइक यानी नापसंदगी के बटन का विकल्प मुहैया कराने पर काम कर रहा है। यह बटन पोस्ट को डाउनवोट तो नहीं करेगा लेकिन इस्तेमाल करने वालों की भावनाएं व्यक्त करने का अवसर देगा।
अगले महीने अंतरिक्ष में भारत की बड़ी छलांग

अगले महीने अंतरिक्ष में भारत की बड़ी छलांग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍थान (इसरो) अगले महीने ऐसे रॉकेट का प्रक्षेपण करने वाला है जिसे दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सके। अगर भारत का यह प्रक्षेपण सटीक रहा तो भविष्य में उपग्रहों को अंतरिक्षण में भेजने की लागत में बहुत कमी हो जाएगी क्योंकि हर बार नया रॉकेट नहीं इस्तेमाल करना पड़ेगा।