अमेरिका की एक स्वतंत्र संस्था ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि भारत में वर्ष 2014 के बाद नाटकीय रूप से घृणा अपराध, सामाजिक बहिष्कार और जबरन धर्मांतरण बढ़ गया है जिससे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों और दलितों को भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को फोन करके द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में हुई शानदार प्रगति को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और भारत एवं अमेरिका ने अहम द्विपक्षीय रक्षा प्रयासों की लय बरकरार रखने पर सहमति जताई।
व्हाइट हाउस ने सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के शासकीय आदेश को वापस लेने की किसी संभावना से इंकार करते हुए इस मुकदमे को जीतने का विश्वास जताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह यात्रा प्रतिबंध बड़े कानूनी परीक्षण का सामना कर रहा है।
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नजीब अहमद के लापता होने के पीछे राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए मांग की कि केंद्र सरकार को इस मामले की जांच सीबीआई या अन्य समुचित एजेंसी से करानी चाहिए। गौरतलब है कि नजीब 15 अक्तूबर से लापता है। एक रात पहले ही उसका परिसर में अभाविप सदस्यों के साथ कथित तौर पर विवाद हुआ था।
संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान में वर्ष 2016 में रिकाॅर्ड संख्या में आम नागरिक हताहत हुए। इस दौरान करीब 11,500 लोग मारे गए या जख्मी हुए, जिनमें से एक तिहाई बच्चे हैं।
वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा पेश वार्षिक बजट को भविष्योन्मुखी बताते हुए उद्योग संगठनों का कहना है कि यह पिछले तीन सालों में किए गए आर्थिक सुधारों पर आधारित बजट है।
हाफिज सईद को हिरासत में लिए जाने से भारत प्रभावित नहीं है और उसने कहा है कि सईद के आतंकवादी संगठन समेत आतंकवादी संगठनों के खिलाफ भरोसेमंद कार्रवाई से ही पाकिस्तान की गंभीरता साबित होगी क्योंकि 26 नवंबर के मुम्बई हमले के सूत्रधार के खिलाफ पहले भी इस तरह की कार्रवाई की जा चुकी है।
पाकिस्तान की छात्रा कार्यकर्ता और शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई ने कहा कि वह शरणार्थियों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से अत्यंत दुखी हैं। मलाला ने ट्रंप से अनुरोध किया कि वह दुनिया के सबसे असुरक्षित लोगों को अकेला ना छोड़ें।
दुनिया का सबसे ताकतवर ओहदा संभालने के बाद अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया की नजर डोनाल्ड ट्रंप पर है। 20 जनवरी को दफ्तर संभालने के बाद ट्रंप ने ओबामा के कई अहम फैसलों को पलटा है। इसके बावजूद चुनाव प्रचार के दौरान किए दावों पर खरा उतरना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है।