बीएसई और सीएमआईई द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार अगस्त में देश में शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी की दर बढ कर 11.24 प्रतिशत रही जो ग्रामीण क्षेत्र के 9.18 प्रतिशत से अधिक है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने सोमवार को कहा कि भारत जी-20 की बैठक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रमिकों खासकर पेशेवर कर्मचारियों की आवाजाही के मुद्दे के अलावा जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा।
यूनीसेफ ने भारत के बाल श्रम कानून में बदलावों पर गंभीर चिंता जताई है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ने कहा कि ये बदलाव बच्चों को पारिवारिक उद्यमों में काम करने की इजाजत देते हैं और जोखिम भरे कामों की सूची कम करते हैं।
विदेशों में शिक्षा और स्वास्थ्य को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू माना जाता है। लेकिन इससे उलट हमारे देश में इन दोनों क्षेत्रों पर घोर लापरवाही की जाती है। इसका एक सटीक उदाहरण विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में आपको मिल सकता है।
जेरेमी कोरबीन के अपने विदेश मंत्री को बर्खास्त करने और शैडो कैबिनेट (समानांतर मंत्रिमंडल) के तीन मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी को जबरदस्त बगावत का सामना करना पड़ रहा है। ईयू जनमत संग्रह से इस सोशलिस्ट नेता के निबटने के तरीकों को लेकर पार्टी में गहरा मतभेद उभर आया है।
गैर सरकारी संगठन क्राई :चाइल्ड राइट एंड यू: के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि मध्यप्रदेश में करीब सात लाख बच्चे मजदूर हैं। इनमें से तीन लाख बाल मजदूर या तो निरक्षर हैं या उनकी पढ़ाई-लिखाई मजदूरी करने की वजह से प्रभावित हो रही है।
देश में मोदी का जादू चल सकता है लेकिन दूर विदेश में उनके नाम पर चुनाव जीतने की एक अदद कोशिश आखिरकार कामयाब नहीं हो पाई। लंदन के मेयर चुनाव में मोदी कार्ड के जरिए चुनाव जीतने की कोशिश को धक्का लगा है। मोदी के नाम पर वोट मांगने वाले कंजरवेटिव उम्मीदवार जैक गोल्डस्मिथ को लेबर पार्टी के सादिक खान के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है। सादिक लंदन के पहले मुस्लिम मेयर होंगे।
देश के ग्रामीण हिस्सों में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों में बेरोजगारी की दर बढ़ी है। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी छमाही सर्वे के ताजा आंकड़े बताते हैं कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दरों में कमी आई है लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले यहां बेरोजगारी अधिक है।
गांव के हालात बदलने और लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कल 10 वर्ष पूरे होंगे। इस योजना पर अब तक 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। हालांकि उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, मणिपुर जैसे कई राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर भ्रष्टाचार एवं अनियमिताताओं की शिकायतें बाधक के रूप में उभर कर सामने आई हैं।
श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) तथा स्वास्थ्य बीमा प्रदाता ईएसआईसी को निर्देश दिया है कि नयी कंपनियों (स्टार्टअप) को तीन साल के लिए निरीक्षण व रिटर्न दाखिल करने से छूट दी जाए।