जयललिता की मौत के बाद जब शशिकला गुट ने अपने विश्वस्त पलानीसामी को मुख्यमंत्री पद पर बैठा दिया तो पनीरसेल्वम गुट ने जयललिता की मौत के कारणों पर शक जताते हुए इस मामले में जांच की मांग की। पनीरसेल्वम की इस मांग को काफी समर्थन भी मिला।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की संस्था ‘प्रबोधिनी’ के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप (आईआईडीएल) में अब सड़क से संसद तक की नेतागिरी सिखाएगी।
हाल ही में रेलवे के खाने को लेकर संसद में कैग रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसमें बताया गया कि ट्रेनों में मिलने वाला खाना खाने लायक नहीं है। संसद में इस रिपोर्ट को पेश हुए ज्यादा दिन नहीं बीते थे कि यूपी के यात्रियों ने इसका सबूत भी दे दिया।
यह आदेश के. वीरामनी द्वारा दाखिल याचिका पर सुनाया गया। वीरामनी बीटी असिस्टेंट के पोस्ट के लिए आयोजित परीक्षा में फेल हो गए थे, क्योंकि उन्होंने परीक्षा में सवाल का जवाब देते हुए लिखा था कि राष्ट्रगीत बंगाली में लिखा गया है। उनके अनुसार न्यूनतम अंक 90 है, जबकि उन्हें 89 नंबर मिले थे। इस वजह से वह यह नौकरी नहीं पा सके।
सड़कें हम सबको जोड़ती हैं। सड़कें हमें हमारी मंजिलों तक बड़ी आसानी से पहुंचाती हैं। लेकिन सड़कों पर उभर आए ये गड्ढे आज परेशानी की वजह बन गए हैं। ये गड्ढे ना सिर्फ हमें हमारे मकाम तक पहुंचने में बाधक बन रहे हैं बल्कि जिंदगी को निगलने वाली गहरी मौत की खाई भी साबित हो रहे हैं।