भाजपा के शीर्ष नेताओं वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज से जुड़ा ललितगेट विवाद गहराता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम भी कूद गए हैं। चिदंबरम ने ललित मोदी मामले में संप्रग सरकार के दौरान ब्रिटेन के अधिकारियों को लिखे गए सभी पत्रों को सार्वजनिक करने की मांग की जिसमें बारे में उनका कहना है कि इससे कांग्रेस और उनके खिलाफ सभी आरोपों का जवाब मिल जाएगा।
ललित मोदी गेट में एक प्रेस कान्फ्रेंस और एक इंटरव्यू के कूट संकेत भारतीय जनता पार्टी की गुटबाजी, क्रिकेट की खेमेबंदी और उससे धन के रिश्तों की एक पूरी कहानी ‘कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना’ की तर्ज पर अपने में समोये हुए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली भले ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को डंसने वाले और भाजपा सांसद कीर्ति आजाद इंगित आस्तीन का सांप, जैसा कि बाद में भाजपाई शत्रुघ्न सिन्हा और आम आदमी पार्टी वालों ने भी सोशल मीडिया पर इशारा किया, हों या नहीं, उन्होंने स्वराज के नेक इरादे का तो बचाव किया, उनके कृत्य के औचित्य या नैतिकता का नहीं। और ललित मोदी, जो क्रिकेट दुकानदारी में उनके प्रतिद्वंद्वी खेमे के हैं, के बचाव से तो उन्होंने बिल्कुल ही परहेज किया।
शुरू में जो मामला विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के परिवार और ललित मोदी के आपसी संबंधों की कहानी लग रहा था, उसमें बीजेपी की आन्तरिक राजनीति का कोण तब जुड़ गया जब बीजेपी के सांसद और क्रिकेट की राजनीति के माहिर कीर्ति आज़ाद ने 'आस्तीन के सांप' की बात कर दी। लोग सांप तलाशने लगे क्योंकि आस्तीन के बारे में सब को पता था।
राजस्थान में पिछले डेढ़-दो साल में दलित और सामाजिक तौर पर उपेक्षित वर्गों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले छह माह में दलित अत्याचारों की लहर सी आ गई है।
जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में आत्महत्या करने वाला किसान गजेंद्र सिंह राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था। गोंडा से आए किसान दिग्गज सिंह और उनके साथियों के अनुसार वह बोल रहा था ‘ वसुंधरा राजे मुर्दाबाद’ ।