यूपी में गोहत्या या गोतस्करी करने वाले की अब खैर नहीं। केंद्र सरकार के पशु क्रूरता कानून के बाद अब यूपी में इन अपराधों का दोषी पाए जाने वालों पर रासुका व गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
गोरक्षा को देश के अस्तित्व और अस्मिता का विषय बताते हुए भाजपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने आज कहा कि गोहत्या पर रोक का संवैधानिक प्रावधान होने के बाद भी आजादी के बाद से इसे क्रियान्वित नहीं किया गया और अब ऐसा वक्त आ गया है कि गोहत्या पर संपूर्ण पाबंदी लगाया जाए और हमें इसका पूरा भरोसा है।
आजादी के बाद से सरकारों की गलत नीतियों के कारण भारतीय नस्ल के गोवंश के खतरे में पड़ने का आरोप लगाते हुए जाने माने चिंतक केएन गोविंदाचार्य ने आज गोवंश की हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की और कहा कि इस बारे में केंद्रीय कानून बने।
बकरीद से पहले मेवात में बिरयानी के नमूनों की जांच को लेकर हमले झेल रही हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने शनिवार को दावा किया कि बिरयानी के सभी सात नमूनों में बीफ मिला है। विज ने सवाल किया कि गोहत्या प्रतिबंधित करने के कानून का समर्थन करने वाला विपक्ष उसके लागू करने का विरोध कैसे कर सकता है।
गाय को पवित्र कब से माना गया और क्यों माना गया, यह व्यापक विवाद और विमर्श का विषय है। इस बात पर भी भयंकर मतभेद है कि प्राचीन सभ्यताएं गोमांस को स्वीकृति देती थीं और भारत के आदिकालीन निवासी अपने खान-पान में उसे शामिल करते थे। आर्ष ग्रंथों में आई उन बातों को भी अब कोई नहीं सुनता है कि किसी जमाने में गौमेध यज्ञ भी हुआ करते थे। अब जब गाय को पवित्र मान कर उसे मां का दर्जा दे ही दिया गया है और उसे आस्था की वस्तु बनाकर आलोचना से परे रख दिया गया है तो उस पर बहस की कोई गुंजाईश रही ही कहां है। अब तो ‘वन्दे धेनुमातरम‘ और ‘जय गोमाता‘ कहो, गोकथा कराओ, गोदूध महोत्सव मनाओ, गोशाला चलाओ, गोमंदिर बनाओ, गोकुल धाम निर्मित करो और गोअनुसंधान एवं गोरक्षा के नाम पर तरह-तरह के संगठन और सेनाएं बनाकर जमकर हंगामा मचाओ। आज गाय के नाम पर सब कुछ जायज है क्योंकि गाय हमारी माता है, गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है, यह पुण्य का काम है।