आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता रोजाना जनहित के मुद्दों पर सड़कों पर प्रदर्शन करते, पोस्टर और पैंफलेट वितरित करते नजर आ जाते हैं, लेकिन क्याक यह आसन्न चुनावों को तितरफा बनाने के लिए काफी है?
अभिनय की भारतीय और पाश्चात्य विधियों में दक्ष देसज पंकज जैसा कुशल अभिनेता जब किसी किरदार को निभाता है तो वह चमत्कार पैदा करता है, यही एक बेहतर अभिनेता का अपना गढ़ा हुआ क्राफ्ट कहलाता है
पंकज मंच पर रहते तो हैं बड़े स्टार के रूप में, लेकिन परिचित दिख जाए तो नाम लेकर दुआ-सलाम भी कर लेते हैं, परिचितों को यह मौका नहीं देते कि कभी रिकॉल कराकर पहचान बतानी पड़े, इंतजार करना पड़े
चुनावी गुरुओं की पूछ और महत्ता तब तक बनी रहेगी जब तक हर राजनीतिक दल फिर से यह नहीं समझ लेता कि अंततः जनता से जुड़ना और उनकी आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप काम करके ही चुनाव जीता जा सकता है