सेना की भर्ती की नई योजना को लेकर शक-शुबहे कई, बाद में दी गई रियायतों को भले पूर्व नियोजित कहा जाए मगर अभी भी उसमें पेंच कई, मोर्चे पर अब किसान और विपक्षी पार्टियां भी आ डटीं
निकाय चुनावों में कई छोटी पार्टियां भाजपा-कांग्रेस को चुनौती देने की तैयारी में
अग्निपथ के ऐलान के बाद युवा नाराजगी आखिर क्यों भड़की, रोजगार के अवसरों की तलाश में परेशान युवाओं को शायद सेना की भर्ती की आखिरी आस भी टूटी
फौज में कम समय के लिए भर्ती ने युवाओं को खुश करने के बजाय उन्हें आंदोलित कर दिया
जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. संतोष मेहरोत्रा का मानना है कि सेना या अन्य सरकारी नौकरियों के प्रति युवाओं की चाह कम करना जरूरी है
अग्निपथ जैसी योजना के लाभ दूसरे देशों में मिल रहे हैं तो हमारे यहां क्यों नहीं मिलेंगे
शिक्षा क्षेत्र में संविदा व्यवस्था से न सिर्फ शिक्षकों की दोयम दर्जे की पांत स्थापित हुई, बल्कि शिक्षा का भी बुरा हाल हुआ
केंद्र को सोचना होगा कि उसकी कथित महत्वपूर्ण योजनाओं का इतना विरोध क्यों होता है
मिताली के नाम न सिर्फ रिकॉर्ड का अंबार है, बल्कि वे नई पीढ़ी की क्रिकेटरों की प्रेरणा भी हैं
आइपीएल के हर मैच के लिए बीसीसीआइ को 118 करोड़ रुपये मिलेंगे, 5जी के आने से डिजिटल मीडिया पर बढ़ेगी पहुंच
हीरोइनों के लिए गर्भावस्था का फोटोशूट कमाई का नया जरिया बना तो फैशन भी आम हुआ, छुपाने से ज्यादा दिखाने पर जोर
सोनिया-राहुल पर ईडी की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस आम लोगों के मुद्दों पर यह जोश क्यों नहीं दिखाती
मुस्लिम देशों और दुनिया में फिजा बदली तो भाजपा ने विवादित नेताओं से पल्ला झाड़ा, मगर बुलडोजर इंसाफ फिर भी जारी रहा
सामजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत हम गरीबों, वंचितों, शोषितों, दलितों और अनाथ लोगों को न्याय दिलाने का काम करते हैं
अंग्रेजों के बनाए ड्रेस कोड पर अमल की मजबूरी अब क्यों होनी चाहिए? सवाल तो जायज है लेकिन इससे महत्वपूर्ण यह है कि क्या ऐसा करके वे खास से आम बनने को तैयार हैं?