रेल दुर्घटनाओं में दोष चाहे नीति-निर्माताओं का हो मगर अमूमन लोको पायलट, गैंगमैन या ट्रैकमैन के मत्थे जिम्मेदारी मढ़कर भूल जाया जाता है, जरूरी है कि गहन पड़ताल के साथ पूरे तंत्र की कमजोरियों और कमियों की समीक्षा हो
सरकारी स्कूलों की दूरी, शौचालय, पानी, बिजली सुविधाओं का अभाव बेटियों की पढ़ाई में रुकावट
कांग्रेस को मुख्यमंत्री की लोकप्रियता पर भरोसा तो भाजपा का बुलडोजर नीति का वादा
लगातार हार रही भाजपा को आगामी लोकसभा में जीत हासिल करने के लिए खोजना होगा नया मंत्र
शिवराज और भाजपा को कल्याणकारी तथा महिला योजनाओं पर भरोसा तो कांग्रेस को एंटी-इन्कंबेंसी और अपनी गारंटियों से उम्मीद
हर दौर में राजनीति पर फोकस बदलने के साथ रेल नीतियां बदलती गईं, रेल यात्रा की मार्केंटिंग और निजी निवेश पर जोर बढ़ा तो पटरियों और सुरक्षा पर ध्यान घटता गया
सरकार और तंत्र ज्यादा सुविधा और रफ्तार को प्राथमिकता बना चुका है, इसमें गरीब कहां हैं
आइपीएल 2023 में शानदार प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ियों की प्रेरणादायक कहानियां
गायन के क्षेत्र में एक ऊंचा मुकाम प्राप्त करने के बाद अनुराधा पौडवाल अब पूर्ण रूप से समाजसेवा को समर्पित हैं।
महिला पहलवानों का संघर्ष सिर्फ बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई से नहीं, बल्कि पूरे खेल संघों में आमूलचूल बदलाव, खिलाड़ियों और खेल के प्रति संपूर्ण नजरिया बदलने से पूरा होगा
चरमराती अर्थव्यवस्था के बीच इमरान खान की फौज को चुनौती कहीं मुल्क को फिर तानाशाही की ओर न ले जाए
सवा सौ साल पहले 5 जून को जन्मे स्पैनिश नाटककार फेडरिको गार्सिया लोर्का के सबक आज निरंकुश स्वेच्छाचार और कट्टरता के बोलबाले के दौर में सबसे जरूरी
राजनीतिक और दार्शनिक चिंतन जब साहित्यिक अभिव्यक्ति से जुड़ जाते हैं तो जिज्ञासु मन और बुद्धि, जीवन और जगत, सुख और दुख, सत्ता और नैतिकता, प्रेम और सौंदर्य, स्त्री और पुरुष, ज्ञान और ऐशवर्य आदि का चिंतन और मनन करने लगते हैं
किताब में शामिल कई संस्मरण हमारे समय और हमारी परंपरा के बड़े लेखकों से जुड़े हैं
विजय प्रशाद से एजाज अहमद की यह लंबी बातचीत हमारे समय और राजनीति को समझने और उससे लड़ने के लिए जरूरी साजो-सामान मुहैया करवाती है
जिस दुर्घटना में लगभग 275 निर्दोष लोग काल के गाल में समा जाएं, उस दुर्घटना से सबक सीखने की जरूरत है। लेकिन क्या सबक सीखा जाएगा?
जगतगुरु आदि शंकराचार्य की कहानी भी त्रिशूर से शुरू होती है