सवाल यह है कि गांव, मोहल्ले, कस्बे, शहर, महानगर में वर्षों तक रहने वाले पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता क्या स्थानीय मुद्दों, समस्याओं, क्षेत्र में समर्पित भाव से काम करने वाले व्यक्तियों की जानकारी क्षेत्रीय, प्रादेशिक और राष्ट्रीय नेताओं को नहीं दे सकते हैं?
दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अपना पद ग्रेड बढ़ा लिया और मंत्रालय की मंजूरी के बगैर बरसों से बढ़ी तनख्वाह लेते रहे। जब लेखा महानिदेशक दफ्तर (केंद्रीय व्यय) ने उंगली उठाई तो बचने के लिए दस्तावेजों में छेड़छाड़ की और कुछ दस्तावेज गायब करा दिए। अपने करीबियों को रेवडिय़ां बांटी। दो बार बर्खास्त किए गए लेकिन मंत्रालय में पहुंच के बल पर बहाल भी हो गए। अब जबकि मामला तूल पकड़ गया है, रिकॉर्ड रूम को सील कर मंत्रालय को जांच के आदेश देने पड़े।
युद्ध की फिजा बरकरार पर हम कितने तैयार, भारतीय सेना की ताकत पाकिस्तानी फौज से दोगुनी, पर आधुनिकीकरण के धीमे प्रयासों से मारक क्षमता थोड़ी कमतर। परमाणु युद्ध का खतरा भी मौजूद