सही पाठ्यक्रम के चुनाव के लिए बिजनेस एजुकेशन के क्षेत्र में उभरते रुझानों की सटीक जानकारी जरूरी
बात केवल किसी एक राज्य की नहीं है, पूरे देश में पुलिस सुधार की जरूरत है, इसके लिए कई समितियां तो बनीं, लेकिन उनकी रिपोर्ट पूरी तरह लागू नहीं हो पाई
शीर्ष बिजनेस स्कूलों की आउटलुक की सालाना रैंकिंग के साथ जानें कैसे बदल रहा ग्लोबल एमबीए, ललित कला और भाषाओं का संसार
इस सर्वेक्षण में शामिल होने वाले संस्थानों के लिए तीन बैच का पास होने के साथ-साथ पांच साल पुराना होने की भी थी शर्त
हेलो, हालो, होला...बहुभाषी पेशेवरों के लिए बेहतर नौकरियां और वेतन पाने की संभावनाएं अधिक
मैनेजमेंट गुरु एम. महादेवन के नुस्खों ने बाजार में जमाई ऐसी धाक कि दुनिया भर के दो सौ रेस्तरां से जुड़ गया हॉट ब्रेड्स का नाम
वेंचर कैपिटलिस्ट अब एफएमसीजी स्टार्टअप में कर रहे हैं ज्यादा निवेश
विदेशी डिग्री और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ बदल रहा पारंपरिक व्यापार
विदेशी विश्वविद्यालयों और बिजनेस स्कूल में क्या, कहां और क्यों पढ़ें
हरिद्वार से चली किसान यात्रा पर सरकार की सख्ती से उपजी नाराजगी लोकसभा चुनावों के पहले किसान एजेंडे की भी जोरदार वापसी के संकेत
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा रिटायर हुए मगर आखिरी वक्त में सुनाए फैसलों के सामाजिक-राजनैतिक संदेश क्या
सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले आपस में टकरा रहे हैं, उन पर उसे स्पष्टीकरण देने की जरूरत
आधार के खिलाफ लड़ाई भी आइपीसी की धारा 377 जैसी है, आखिर में लोकतंत्र और लोग ही जीतेंगे
डेढ़सौवीं जयंती वर्ष में हम महात्मा की पूजा न करें, उनके बताए रास्तों को समझें और चलें
गांधी और भीमराव आंबेडकर के आदर्शों में कोई अंतर था? क्या दोनों ही दलितों के उत्थान, जाति पर आधारित भेदभाव की समाप्ति और मनुष्य की समानता के लक्ष्यों के प्रति ईमानदारी के साथ समर्पित नहीं थे?
हिंसा-विहीन मानस और प्रदूषण रहित पर्यावरण के बिना समाज के अंतिम जन तक नहीं पहुंचेगा विकास
मौजूदा और भविष्य के शासकों से राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मूल्यों में परिवर्तन की उम्मीद नहीं
गांधी को याद करना तभी कुछ काम का होगा जब हम उनके आंदोलन खड़ा करने और संगठन बनाने के तरीकों पर गौर करें, इसके लिए चंपारण में उनके प्रयोग डालते हैं नई रोशनी
असत्य के साथ प्रयोग करने का एक फायदा यह है कि जब आप असत्य का प्रयोग करने लगते हैं तो सत्य भी अनेक असत्यों में से एक असत्य बन जाता है
यह गठबंधनों का देश है, पुराना रिकॉर्ड देखेंगे तो केंद्र सरकारों के स्तर पर भी गठबंधन के दौर में ही बेस्ट काम हुए
विष्णु खरे ने हिंदी कविता के स्वरूप को बुनियादी ढंग से बदला और विश्व साहित्य-सिनेमा से परिचय कराया