गांधी को याद करना तभी कुछ काम का होगा जब हम उनके आंदोलन खड़ा करने और संगठन बनाने के तरीकों पर गौर करें, इसके लिए चंपारण में उनके प्रयोग डालते हैं नई रोशनी
गांधी और भीमराव आंबेडकर के आदर्शों में कोई अंतर था? क्या दोनों ही दलितों के उत्थान, जाति पर आधारित भेदभाव की समाप्ति और मनुष्य की समानता के लक्ष्यों के प्रति ईमानदारी के साथ समर्पित नहीं थे?