बिहार और गुजरात जैसे अहम राज्यों के प्रभारी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव पार्टी की सांगठनिक रणनीति के अहम किरदारों में एक माने जाते हैं। लोकसभा चुनावों में भारी जीत के बाद आउटलुक के एसोसिएट एडिटर प्रशांत श्रीवास्तव से हुई उनकी बातचीत के अंशः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने नेता से राजनेता बनने और बड़े वैश्विक नेताओं की तरह इतिहास में दर्ज होने का मौका है। यह अब उन पर है कि वे क्या करते हैं
दूसरी मोदी सरकार में कई नए चेहरे आए तो कई पुराने विदा हुए लेकिन जाति और क्षेत्रीय समीकरणों में भाजपा की भावी योजनाओं का ख्याल, सहयोगियों को महज सांकेतिक प्रतिनिधित्व
मंदी के दौर में पहुंच चुकी अर्थव्यवस्था को कड़वी दवा की जरूरत, अगर श्रम सुधार, भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार लाया जाता है और सरकार अंतरराष्ट्रीय ट्रेड वार का फायदा उठा लेती है तो अर्थव्यवस्थाअ रफ्तार पकड़ लेगी
मोदी सरकार ने पिछले पांच वर्षों के दौरान कृषि अर्थव्यवस्था और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कई पहल की, फिर भी जरूरी सुधार अभी नीतियों या राजनैतिक बहस का हिस्सा नहीं
आम चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर और भाजपा की जबर्दस्त जीत ने सावरकर की विचारधारा को आगे बढ़ाया है, शायद इससे मुकाबले के लिए कांग्रेस को गांधी, नेहरू और पटेल के संवाद और सिद्धांत रास्ता दिखा सकते हैं
नई सरकार को अगर देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना है और वाकई 'सबका साथ, सबका विकास' के नारे को साकार करना है तो लोकतंत्र और लोकतांत्रिक अधिकारों पर जोर देना अहम