अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि गत एक और दो दिसंबर को चेन्नई में 24 घंटे में जितनी बारिश हुई थी, उतनी वर्ष 1901 के बाद किसी दिन नहीं हुई थी।
पेरिस में आयोजित जलवायु सम्मेलन से इतर भारत ने एक बहुचर्चित ‘सौर गठबंधन' की घोषणा कर दी। ऊर्जा की जरुरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा उप्लब्ध करवाने की दिशा में काम करने का यह बडा न्यौता उन 121 देशों के लिए है, जहां सूर्य का प्रकाश पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहता है। इस परियोजना में सरकार की योजना शुरुआती पूंजी के रुप में 400 करोड रुपए डालने की है।
वैज्ञानिकों ने एक नई खोज में पाया कि कैसे शनि ग्रह के पर्यावरण से पानी के आयन निकल जाते हैं। उन्होंने एक ऐसे बिंदु का पता लगाया है जहां से यह आयन ग्रह के वातावरण से गायब हो जाते हैं।
भारत बीमार कैसे पड़ता है? यह कोई एेसा सवाल नहीं है, जो धर्मनिरपेक्षता या असहिष्णुता पर बहस चाह रहा हो। यह तो एक एेसा वास्तविक प्रश्न है, जिसे लेकर शोधकर्ता चकराए हुए हैं।
क्या कोई बच्चा गणित का कठिन से कठिन सवाल तीन मिनट में हल कर सकता है। जवाब हां भी हो सकता है लेकिन 120 सवालों के जवाब अगर तीन मिनट में हल करना हो तो यह कैसे संभव है। लेकिन एबेकस तकनीकी के जरिए एक, दो या तीन बच्चें नहीं बल्कि तीन हजार बच्चों ने जब एक साथ सवालों के जवाब हल करना शुरू किया तो सभी ने दांतों तले उंगली दबा ली।
क्या गंगाजल को खास बनाने के पीछे इसमें मौजूद किसी विशेष एक्स फैक्टर का योगदान है? गंगा निश्चित तौर पर भारत की सबसे पवित्रतम नदियों में से एक है और अनंतकाल से इसके जल को इसके जादुई गुणों के लिए जाना जाता है। इसी खूबी के चलते यदि गंगाजल वर्षों तक रखा जाए, तो भी यह खराब नहीं होता। इसे इस नदी का आत्म-शोधन का गुण कहा जाता है। भारतीय वैज्ञानिक इसी रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश में जुटे हैं।
कचरे पर कोई हाथ नहीं डालना चाहता...और बात बेहद रेडियोधर्मी कचरे की हो तब तो बिल्कुल नहीं। फिर भी भारतीय परमाणु विज्ञानियों ने इस काम को अपने हाथ में लेते हुए दुनिया में पहली बार परमाणु उर्जा संयंत्रों से निकलने वाले कचरे से रेडियोधर्मी तत्व सीजियम की एक एेसी दुर्लभ किस्म विकसित की है।
वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसा तरीका इजाद किया है जिसमें मेडिकल अल्ट्रासाउंड जैसी एक तकनीक का इस्तेमाल कर कंपायमान विशालकाय तारों के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है।