अब आप मोबाइल फोन पर अंग्रेजी के अलावा हिंदी तथा कम से कम एक क्षेत्रीय भाषा के लिए प्रणाली रखना अनिवार्य होगा। दूरसंचार विभाग अगले तीन-चार महीने में इस तरह का नियमन लेकर आ रहा जिसके तहत मोबाइल फोन को हिंदी तथा एक क्षेत्रीय भाषा के अनुकूल बनाना अनिवार्य होगा।
देश को अंग्रेजी दासता से मुक्त कराने के लिए चलाए गए गदर और अन्य आंदोलनों के भूले बिसरे शहीदों की तस्वीरों का अनोखा और एकमात्र संग्रहालय है देशभगत यादगार हॉल। जालंधर स्थित इस संग्रहालय में क्रांतिकारियों की तकरीबन 300 से अधिक तस्वीरों और पेंटिंगों को प्रदर्शित किया गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने आज कहा कि भारतीय राष्ट्रीय चरित्र के हिसाब से हमारे यहां के लिए संसदीय व्यवस्था मुनासिब नहीं है लेकिन देश इसमें अटक गया है क्योंकि वह हर चीज को मूर्त रूप देने के लिए अंग्रेजों की ओर देखता रहा है। थरूर ने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण और बड़ी आबादी वाले देश में संसदीय प्रणाली का कारगर होना कठिन है।
शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रिटेन की सरकार से सीखने की नसीहत दी है, जिसने ब्रिटेन में अपने पति के साथ जीवनसाथी वीजा पर रह रहीं महिलाओं को अंग्रेजी न बोल पाने पर उनके देश वापस भेजने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही शिवसेना ने यह भी कहा है कि भारत के मदरसों में पढ़ाई के माध्यम के रूप में उर्दू और अरबी का इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए और उनका स्थान अंग्रेजी या हिंदी को दिया जाना चाहिए।
पिछले साल छत्तीसगढ़ में एक विधानसभा सीट पर पिछले साल हुए उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच सौदेबाजी का मामला सामने आया है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने इस मामले में एक ऑडियो टेप जारी किया है जिससे राज्य की सियासत में तूफान खड़ा हो गया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने टेप विवाद में अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस मामले में चुनाव आयोग ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं।
पंजाब के स्कूली छात्र अब बेहतर अंग्रेजी बोलना सीखेंगे। तीन सदस्यीय ब्रिटिश शिष्टमंडल और पंजाब के शिक्षा मंत्री डॉ.दलजीत सिंह चीमा के बीच आज हुई मुलाकात में इस पर बातचीत की गई। ब्रिटिश शिष्टमंडल में नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उचायुक्त के सचिव ऊर्जा, वातावरण तथा विकास यूनिट फरांसेज हुपर, चंडीगढ़ स्थित ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर डेविड लेलीअट और एनर्जी एंड लोअ कार्बन ग्रोथ एडवाईजर जावेद माला थे।
सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
लघु कहानियां लिखने वाले मशहूर किस्सागो सआदत हसन मंटो की कहानियों का संग्रह का अब अंग्रेजी अनुवाद उपलब्ध है। युनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन मेडिसन में उर्दू साहित्य और इस्लामी अध्ययन के मानद प्रोफेसर मुहम्मद उमर मेमन ने इस संग्रह का अनुवाद किया है। इसे माई नेम इज राधा : द एसेंशियल मंटो नाम से प्रकाशित किया गया है जो हिंदी या उर्दू न समझ पाने वाले पाठकों को मंटो की दुनिया में ले जाएगी