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कुम्भ मेले में हुए घोटाले की जांच की सिफारिश

कुम्भ मेले में हुए घोटाले की जांच की सिफारिश

उत्तराखंड के सूचना आयुक्त ने 2010 में हरिद्वार में आयोजित कुम्भ मेले के दौरान कथित तौर पर 180 करोड़ रूपये की वित्तीय अनियमितता के आरोपों की सीबीआइ से जांच कराने की मंगवार को मुख्य सचिव से सिफारिश की। उस समय राज्य में भाजपा सरकार थी।
अनिल करमेले की कविताएं

अनिल करमेले की कविताएं

2 मार्च 1965 को छिन्दवाड़ा, मध्यप्रदेश में जन्मे कवि अनिल करमेले की कविताएं सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है। पहल, हंस, ज्ञानोदय, वागार्थ, वसुधा, कथादेश, जनसत्ता, इंडिया टुडे, शुक्रवार, पब्लिक एजेंडा, दैनिक हिन्दुस्तान, नई दुनिया, लोकमत समाचार, भास्कर आदि में वह प्रमुखता से छपे हैं। साथ ही लेख एवं समीक्षाएं भी प्रकाशित हुई हैं। ‘ईश्वर के नाम पर’ उनकी पहली किताब प्रकाशित हुई थी। इसी पुस्तक पर उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य अकादेमी का "दुष्यंत कुमार" पुरस्कार मिला। फिलवक्भात वह भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) के अंतर्गत महालेखाकार लेखापरीक्षा कार्यालय में सेवारत हैं।
गोरे रंग का मर्सिया

गोरे रंग का मर्सिया

अनिल करमेले की कविताओं में विविध रंग हैं। जहां वह समाज पर चोट करते हैं वहीं प्रेम पर वह सौम्यता से बातें रखते हैं।
मतंग सिंह का जलवा है कायम

मतंग सिंह का जलवा है कायम

भले ही शारदा चिंट फंड घोटाले में पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को सीबीआई ने हिरासत में लिया हो लेकिन संबंधों के चलते उनका जलवा आज भी कायम है।
भाजपा शासित राज्यों में सिर फुटव्वल

भाजपा शासित राज्यों में सिर फुटव्वल

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की हार क्या हुई पार्टी नेताओं के आपसी झगड़े सामने आने लगे। इसकी शुरूआत हरियाणा से हुई जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ प्रदेश के स्वास्‍थ्य और खेल मंत्री अनिल विज ने मोर्चा खोल दिया है।
गोस्वामी का फोन किसने किया टैप

गोस्वामी का फोन किसने किया टैप

विदेश सचिव सुजाता सिंह की जबरन विदाई के बाद गृह सचिव अनिल गोस्वामी की बर्खास्तगी से केंद्र सरकार के कामकाज पर सवाल उठने लगा है। गोस्वामी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को शारदा घोटाले में गिरफ्तार न किए जाने की पहल का आरोप था।
क्यों गई अनिल गोस्वामी की कुर्सी?

क्यों गई अनिल गोस्वामी की कुर्सी?

पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह को शारदा घोटाले में गिरफ्तार न किए जाने की पहल करना केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी को भारी पड़ गया।
सुरक्षा पर मूंदी आंख

सुरक्षा पर मूंदी आंख

संवेदनशील रक्षा सामग्री का उत्पादन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पूर्व कंपनी भारत एल्युमिनियम कंपनी लि. (बालको) को पूरी तरह से एक विदेशी कंपनी वेदांता के हाथों में देने की तैयारी चल रही है।
खनन धंधेबाजी के सरपरस्त

खनन धंधेबाजी के सरपरस्त

वित्त मंत्री के रूप में पी. चिदंबरम की नीतियों से निजी कंपनी वेदांता को हुआ सीधा लाभ, हर्षद मेहता घोटाले के बाद से ही एक-दूसरे के साथ हैं चिदंबरम और वेदांता के मालिकान
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