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नरेश उत्तम को मिली उप्र सपा की कमान

नरेश उत्तम को मिली उप्र सपा की कमान

अखिलेश यादव खेमे ने नरेश उत्तम को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है। नरेश उत्तम प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं। कानपुर निवासी नरेश उत्तम मूल रूप से फतेहपुर के रहने वाले हैं। फिलहाल वह विधान परिषद के सदस्य हैं। संगठन और मतदाताओं खासकर पिछड़े मतदाताओं पर उनकी अच्छी पकड़ है। प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में काम कर चुके नरेश की छवि साफ-सुथरी है। विवादों में कभी उनका नाम नहीं आया। मुलायम सिंह के भी वह काफी करीबी रहे हैं। जानकारों का कहना है कि साफ-सुथरी छवि की वजह से ही अखिलेश यादव ने उन्हें इतनी अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
भाजपा को उप्र में एक वोट नहीं मिलना चाहिए : ममता

भाजपा को उप्र में एक वोट नहीं मिलना चाहिए : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी के आंतरिक उठा-पटक पर टिप्पणी करने से आज इनकार कर दिया, हालांकि कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में जीत चाहे किसी को भी मिले, लेकिन भाजपा को एक वोट नहीं मिलना चाहिए।
सपा ने उप्र में बदले सात प्रत्याशी

सपा ने उप्र में बदले सात प्रत्याशी

समाजवादी पार्टी में उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों को बदलने का सिलसिला जारी है। पार्टी ने आज सात सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए। इनमें से दो सीटें ऐसी हैं, जिनके उम्मीदवार बीते शनिवार को ही तय किए गए थे।
इस पुलिस अधिकारी ने बताया, पुलिस है सबसे भ्रष्ट

इस पुलिस अधिकारी ने बताया, पुलिस है सबसे भ्रष्ट

उप्र के रिटायर्ड डीजीपी प्रकाश सिंह ने खुलकर पुलिस पर निशाना साधा है। प्रकाश सिंह भोपाल के पुलिस मुख्यालय में आयोजित व्याख्यानमाला के.एफ. रुस्तमजी जन्म शताब्दी समारोह की संगोष्ठी में शामिल होने पहुंचे थे।
चमड़ा कारखानों को लेकर एनजीटी ने उप्र सरकार को फटकार लगाई

चमड़ा कारखानों को लेकर एनजीटी ने उप्र सरकार को फटकार लगाई

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गंगा में अपशिष्ट पदार्थों के उत्सर्जन पर रोक लगाने के लिए कानपुर में गंगा के तट पर स्थित चमड़ा कारखानों को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित करने के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि वह राजा की तरह व्यवहार नहीं कर सकती।
उप्र में गठबंधन के लिए हमने कोई पहल नहीं की : राज बब्बर

उप्र में गठबंधन के लिए हमने कोई पहल नहीं की : राज बब्बर

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन बनाने की किसी पहल से इनकार करते हुए आज कहा कि कांग्रेस ने किसी भी ऐसी संभावना के लिए दरवाजे बंद नहीं किये हैं, जिससे राज्य की जनता का भला होता हो।
उप्र में राहुल की यात्रा से कांग्रेस बनी सत्ता की दावेदार : पीएल पूनिया

उप्र में राहुल की यात्रा से कांग्रेस बनी सत्ता की दावेदार : पीएल पूनिया

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की देवरिया से दिल्ली तक की यात्रा को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएल पूनिया ने रविवार को दावा किया कि राहुल की इस यात्रा से पार्टी न सिर्फ मुकाबले में आ गई है, बल्कि सत्ता के दावेदार के तौर पर उभरी है।
उप्र में प्रियंका की बाट जोह रहे कांग्रेसियों का बढ़ेगा इंतजार

उप्र में प्रियंका की बाट जोह रहे कांग्रेसियों का बढ़ेगा इंतजार

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का तुरुप का पत्‍ता मानी जा रहीं प्रियंका गांधी के सियासी मैदान में उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रहे कांग्रेसियों को अभी कुछ और समय तक इंतजार करना पड़ेगा। पार्टी की अभी तक की रणनीति के तहत अक्टूबर महीने तक प्रियंका के चुनावी अभियान का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। मगर प्रियंका पार्टी के अभियान को नया तेवर और कलेवर देंगी, यह लगभग तय है।
सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण का कार्ड उप्र में खेलेगी कांग्रेस

सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण का कार्ड उप्र में खेलेगी कांग्रेस

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस हर तरीके की रणनीति अपनाने में जुट गई है। इसके लिए पार्टी अपने घोषणा पत्र में गरीब सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण देने पर भी विचार कर रही है।
कांग्रेस की त्रिमूर्ति संभालेगी उप्र चुनाव

कांग्रेस की त्रिमूर्ति संभालेगी उप्र चुनाव

अगले वर्ष होने वाले उत्तर प्रदेश चुनावों में कांग्रेस के प्रचार की कमान मुख्य़तौर पर प्रियंका गांधी , दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद के हवाले रहेगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनावों में पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सुझाव दिया था कि वह चाहते हैं कि कांग्रेस की ओर से इस त्रिमूर्ति को उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में प्रचार के लिए उतारा जाए। प्रशांत के अनुसार चूंकि भौगोलिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश काफी बड़ा राज्य है इसलिए इलाहाबाद और उसके आसपास की कमान प्रियंका गांधी, लखनऊ और उसके आसपास की कमान शीला दीक्षित के हवाले रहेगी। गुलाम नबी आजाद पूरे राज्य में घूमेंगे। उनके पास अल्पसंख्यक समुदाय को रिझाने का जिम्मा भी रहेगा। सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान ने उनके इस सुझाव हो हरी झंडी दे दी है।
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