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Search Result : "ऐतिहासिक अभियान"

लोकपाल बिल पर प्रशांत भूषण की केजरीवाल को खुली चुनौती

लोकपाल बिल पर प्रशांत भूषण की केजरीवाल को खुली चुनौती

जन लोकपाल बिल को लेकर स्‍वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने अरविंद केजरीवाल की दिल्‍ली सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। प्रशांत भूषण ने दावा किया है कि दिल्‍ली सरकार की ओर से लाया जा रहा जन लोकपाल विधेयक वर्ष 2014 के उस विधेयक से पूरी तरह अलग है, जिसके लिए केजरीवाल ने सत्‍ता छोड़ने की बात कही थी।
बुंदेलखंड में सूखे के सर्वे पर स्‍वराज अभियान ने दी सफाई

बुंदेलखंड में सूखे के सर्वे पर स्‍वराज अभियान ने दी सफाई

अकाल के कगार पर खड़े बुंदेलखंड में कराए गए एक सर्वेक्षण पर स्वराज अभियान और बुदेलखंड आपदा राहत मंच ने अपनी तरफ से सफाई दी है। इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया था कि बुंदेलखंड के 108 गांव में से 38% गांव से खबर है कि वहां होली से लेकर अब तक भूखमरी या कुपोषण की वजह से मौत हुई है।
यूपी के बुंदेलखंड में भूख से हो रही मौतेः योगेंद्र यादव

यूपी के बुंदेलखंड में भूख से हो रही मौतेः योगेंद्र यादव

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में सात जिलों में हुए सर्वेक्षण में सामने आया है कि यहां के 38 फीसदी गांवों में भूख से एक मौत हुई है। जबकि राज्य सरकार इसे सिरे से खारिज कर रही है। यही नहीं जिस गाय को बचाने के लिए देश में बवाल हो रहा है, बुंदलेखंड के 41 फीसदी लोग गरीबी और भुखमरी के चलते अपनी गायों को छोड़ रहे हैं। यह खुलासा स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव ने किया। स्वराज अभियान की ओर से बुंदेलखंड के सात जिलों की 27 तहसीलों के 108 गांवों में यह सर्वेक्षण किया गया है।
मात्र ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं, अभिनंदन ग्रंथ

मात्र ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं, अभिनंदन ग्रंथ

हिंदी के अनेक दुर्लभ ग्रंथ, पुरानी पुस्तकों की प्रति, पत्रिकाओं की पुरानी फाइलें अब उपलब्‍ध नहीं हैं। इस कारण देश के विश्वविद्यालयों में शोध कार्य प्रामाणिक ढंग से नहीं हो पाते और साहित्य में ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर गड़बड़ियां बनी रहती हैं। इस कमी को देखते हुए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने सन 1933 में प्रकाशित द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ को दोबारा प्रकाशित कर अच्छा काम किया है। लेकिन जिस तरह हड़बड़ी और असावधानी में यह ग्रंथ प्रकाशित किया गया है उसे लेकर चिंता होती है।
किताब वापसी अभियान

किताब वापसी अभियान

किताब वापसी अभियान में दो दर्जन कवि, लेखक एवं कलाकारों का एक दल साहित्यकार अशोक वाजपेयी के वसुंधरा इन्क्लेव,दिल्ली स्थित घर पर शनिवार को सुबह पहुंचा। अभियान की तरफ से तीन लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल अशोक वाजपेयी से मिला।प्रतिनिधि मंडल में कवि रसिक गुप्त, विनीत पांडेय और छायाकार आत्माराम शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने किताब वापसी अभियान की तरफ से अशोक वाजपेयी की लिखी हुई एक किताब उनके द्वारा अकादेमी पुरस्कार वापसी के प्रतिकात्मक विरोध में उन्हें वापस की।
सू ची की पार्टी ने जीता म्यांमार का ऐतिहासिक चुनाव

सू ची की पार्टी ने जीता म्यांमार का ऐतिहासिक चुनाव

आंग सान सू ची की पार्टी ने 8 नवंबर को हुए चुनावों के अब तक आए नतीजों में संसदीय बहुमत हासिल कर लिया है। केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से अब तक जारी किए गए चुनाव परिणाम में शासन के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत हासिल करने में एनएलडी सफल रही। पार्टी अब तक 348 संसदीय सीटें जीत चुकी है और कई सीटों के नतीजे घोषित होने अभी बाकी हैं।
शानदार जीत के करीब सू ची, सेना से किया बातचीत का आह्वान

शानदार जीत के करीब सू ची, सेना से किया बातचीत का आह्वान

म्यांमार के चुनाव में अपनी लोकतंत्र समर्थक पार्टी के ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ने के साथ आंग सान सू ची ने राष्ट्रपति और वहां की शक्तिशाली सेना के साथ राष्ट्रीय सुलह की बातचीत का आह्वान किया।
सर्विस टैक्‍स के साथ अब 0.5% स्‍वच्‍छ भारत सेस भी लगेगा

सर्विस टैक्‍स के साथ अब 0.5% स्‍वच्‍छ भारत सेस भी लगेगा

सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी तरह की करयोग्य सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत सेस वसूलने का फैसला किया है। यह उपकर पहले से लागू 14 प्रतिशत सर्विस टैक्‍स के अतिरिक्त होगा। यानी अब कुल मिलाकर 14.5 फीसदी सर्विस टैक्‍स देना होगा। इससे चालू वित्त वर्ष के बचे महीनों में जनता की जेब पर 400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
ऐतिहासिक कदमः लड़ाकू विमान उड़ाएंगी महिलाएं

ऐतिहासिक कदमः लड़ाकू विमान उड़ाएंगी महिलाएं

महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू बल में महिलाओं को शामिल किए जाने की मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय वायु सेना के लड़ाकू दस्ते में महिला पायलटों के पहले बैच का चयन वायु सेना अकादमी के मौजूदा बैच में से किया जाएगा।
ऐतिहासिक मुकाम, लेखकों के इस्तीफे का बवंडर

ऐतिहासिक मुकाम, लेखकों के इस्तीफे का बवंडर

देश के सभी कोनों से, सभी भाषाओं में एक ही आवाज उठ रही है। यह अपने आप में ऐतिहासिक परिघटना है। इससे पहले इस देश में इतने बड़े पैमाने पर लेखकों-साहित्यकारों-रंगकर्मियों ने एक साथ एक ही मुद्दे पर मिलकर आवाज नहीं उठाई थी। वे सब अलग-अलग राज्यों से, अपनी-अपनी भाषाओं में एक ही स्वर बोल रहे हैं।
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