मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय के भर्ती घोटाला मामले में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को भोपाल की एक स्थानीय अदालत से जमानत मिल गई। यह मामला उस समय का है, जब सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने उद्योगपति विजय माल्या तथा उनकी समूह कंपनियों- यूबी होल्डिंग्स (यूबीएचएल) तथा बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस को जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाली यानी विलफुल डिफाॅल्टर घोषित किया है।
जनवरी में निर्यात में गिरावट के बीच शेयर बाजार में मुनाफा वसूली से शेयर बाजार में पिछले दो दिन से जारी तेजी आज थम गई। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज शुरुआती बढ़त कायम न रख सका और 362 अंक की गिरावट के साथ 23,191.97 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी बिकवाली दबाव में रहा और 7,100 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ।
फंसे कर्ज (एनपीए) से बुरी तरह प्रभावित बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक समेत सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों को अब तक का सबसे बड़ा 12,000 करोड़ रुपये का कुल तिमाही नुकसान हुआ जबकि एसबीआई, पीएनबी और केनरा के मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज हुई।
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) का मुनाफा 31 दिसंबर को समाप्त तीसरी तिमाही के दौरान 93.41 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 51.01 करोड़ रुपये रह गया। फंसे कर्ज (एनपीए) के एवज में ज्यादा प्रावधान किये जाने से बैंक का मुनाफा कम हुआ है।
जेडीयू ने 2012 और 2015 के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक द्वारा 1.14 लाख करोड़ रूपये के फंसे हुए कर्ज पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार से उन कारोबारी घरानों का नाम बताने को कहा जिसके फंसे हुए कर्ज को माफ किया गया।
महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने गुरुवार को आदर्श घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी। राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के इस कांग्रेस नेता के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा किए जाने के कुछ दिनों बाद यह अनुमति दी।
निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज डीडीसीए मामले में मोदी सरकार को भी घसीटते हुए कहा कि वह सरकार के अलावा वित्त मंत्री अरूण जेटली के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। आजाद ने दावा किया कि सीबीआई अब भी पिंजड़े का तोता ही है।
चांद को मुंह में रख लेने की बात देवी-देवताओं की कथा में मिल सकती है लेकिन सूरज का ताप कोई नहीं झेल सकता। ‘सूर्य’ की पूजा-अर्चना करने वाले देश में सबसे सुलभ और सस्ते ‘सौर ऊर्जा’ संसाधनों पर देर से ही ध्यान दिया गया। मनमोहन सिंह राज में तरंगों (स्पेक्ट्रम) और कोयला खान वितरण के घोटालों की कालिख ने कांग्रेस को गड्ढे में डाला ही था, अब केरल में विधानसभा चुनाव से पहले ‘सौर ऊर्जा’ के नाम पर स्वयं मुख्यमंत्री ओमन चांडी के विरूद्ध करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप राख पोतने जैसा है।