दिल्ली में पांच साल में डेंगू के सबसे बुरे प्रकोप के चलते यहां अस्पतालों को मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि चिकित्सक शिकायत कर रहे हैं कि वे काम के बोझ से दबे जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने वेक्टर-जनित रोग को नियंत्राण करने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं, लेकिन स्थिति को पूरी तरह काबू में किया जाना अभी बाकी है, क्योंकि डेंगू के मामलों की संख्या 2,000 तक पहुंचने को है।
पंजाब इंप्लॉय स्टेट इंश्योरेंस निगम (ईएसआई) अस्पतालों में अब आम लोग और सरकारी अस्पतालों में ईएसआई लाभपात्री इलाज करवा सकेंगे। इस योजना को पंजाब भर में लागू किया गया है।
मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी मर्स का घातक वायरस अब दक्षिण कोरिया से थाईलैंड तक पहुंच गया है। थाइलैंड ने अपने देश में इस बीमारी के पहले मामले की पुष्टि की है। यह जानकारी लोक स्वास्थ्य मंत्री ने दी है। इसके साथ ही पिछले साल अफ्रीका महाद्वीप और फिर अमेरिका और यूरोप में इबोला वायरस से त्रस्त रही दुनिया को अब एक नए खतरे से मुकाबले के लिए कमर कसनी पड़ेगी।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिले गाजीपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का इतना बुरा हाल है कि यहां के अस्पतालों को ही इलाज की जरुरत महसूस होने लगी है। डाॅक्टर और दवा दोनों ही जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की समस्या है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), यानी भारत के गरीब और आम बीमार आदमी का मक्का-मदीना। देश भर के गरीबों के लिए बड़ी से बड़ी बीमारियों से लड़ने का आखिरी मुकाम। अक्सर यह बड़े नेताओं के इलाज करवाने की वजह से भी चर्चा में रहता है। एक बार फिर इसका चरित्र बदलने की कवायद चल रही है। एक बार फिर इसे रईसों, सुविधा संपन्न बीमारों के लिए चमचमाने की कोशिश हो रही है। यह पूछने की जरूरत नहीं है कि ऐसा आम मरीजों के इलाज और विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए आने वाले पैसे से ही करने की तैयारी है।
विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं, बेहतरीन विशेषज्ञता और कम खर्च में बेहद अच्छे परिणामों के चलते भारत पूरी दुनिया में स्वास्थ्य पर्यटन का सबसे अच्छा विकल्प बनकर उभरा है। दुनिया भर के मरीजों को यहां बहुत सारी मेडिकल सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं जिसमें प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी से संबंधित बेहतरीन चिकित्सा भी शामिल है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का आज यहां के एक प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में लगातार दूसरे दिन भी इलाज जारी रहा। 46 वर्षीय आप नेता जिंदल नेचर क्योर इंस्टीट्यूट में 10 दिनों के लिए भर्ती हुए हैं। केजरीवाल लंबे समय से खांसी से परेशान हैं। इसके अलावा उनका शर्करा स्तर भी अनियंत्रिात हो गया था।
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक अनूठा अणु तैयार किया है जो सूजन और जलन पैदा करने वाली बीमारियों के प्रमुख कारणों से लड़ता है और इससे अल्जाइमर्स, गठिया एवं मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों के बेहतर इलाज की राह खुल सकती है।